गाजियाबाद। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े हालिया तनाव के बीच तुर्की की भूमिका ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। तुर्की ने आतंक को पनाह देने वाले पाकिस्तान को ड्रोन देकर अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। साथ ही उनका पाकिस्तान के प्रति दिखा प्यार भी कई सवाल खड़े कर गया, जिसको लेकर अब भारत में उनका खूब विरोध हो रहा है। देश में तुर्की को बायकाट करने की मुहिम जारी है। इस बीच गाजियाबाद की साहिबाबाद फल मंडी के व्यापारियों ने तुर्की से फल आयात बंद करने का बड़ा फैसला लिया है।
तुर्की के समर्थन को आतंकवाद का समर्थन बताया
फल मंडी के व्यापारियों का कहना है कि तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन कर भारत के खिलाफ सीधी स्थिति ले ली है। व्यापारियों ने इस कदम को राष्ट्रहित में उठाया गया निर्णय बताया है। साहिबाबाद फल मंडी के एक प्रमुख फल व्यापारी ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हमें समाचार माध्यमों से पता चला कि तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया है। पाकिस्तान, जो आतंकवाद को बढ़ावा देता है, उसका साथ देना मतलब आतंकवाद का समर्थन करना है।" व्यापारी ने आगे कहा कि अगर कोई देश भारत विरोधी ताकतों का साथ देता है, तो उससे व्यापार करना देश के सम्मान के खिलाफ है।
1200–1400 करोड़ का होता है व्यापार
साहिबाबाद फल मंडी के अनुसार, हर साल तुर्की से लगभग 1200 से 1400 करोड़ रुपये के सेब और अन्य फलों का आयात किया जाता है। लेकिन अब यह व्यापार पूरी तरह से बंद किया जाएगा। फल व्यापारियों ने साफ कहा कि अब तुर्की से कोई भी फल नहीं खरीदे जाएंगे और न ही उनके उत्पाद मंडी में बिकने दिए जाएंगे।
आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम
व्यापारियों ने यह भी कहा, ''इस फैसले से भारत में ही उगाए गए फलों को बढ़ावा मिलेगा और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। हम देशभक्ति के साथ व्यापार करते हैं। अगर कोई देश हमारे दुश्मन का साथ देगा, तो हम उस देश से कोई संबंध नहीं रखेंगे।"