देश की सबसे चर्चित प्रीमियम ट्रेनों में से एक वंदे भारत स्लीपर ट्रेन अब लॉन्चिंग के बेहद करीब है। रेलवे के मुताबिक पहला स्लीपर रेक लगभग तैयार है और यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए कुछ अंतिम सुधार किए जा रहे हैं। ये सुधार भले ही छोटे हों, लेकिन रेलवे इन्हें बेहद गंभीरता से लागू कर रहा है, ताकि ट्रेन देश में आरामदायक और सुरक्षित लंबी दूरी की यात्रा का नया मानक बन सके।
दिसंबर में संभव है पहली ट्रेन की शुरुआत
रेल मंत्री के अनुसार, वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को दिसंबर में चलाने की योजना है। यह नया संस्करण लंबी दूरी की यात्रा के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें तेज़ रफ्तार, अत्याधुनिक सुविधाएं और बेहतर स्लीपर आराम मिलेगा। मंत्रालय का कहना है कि डिजाइन और सुरक्षा से जुड़े सभी मानकों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
प्रोटोटाइप रेक में मिले सुधार के सुझाव
➤ पहला प्रोटोटाइप रेक कई चरणों में टेस्ट किया गया।
➤ समीक्षा में सामने आया कि:
➤ कुछ सीटों और कोच के हिस्सों में मामूली बदलाव यात्रियों के आराम को और बेहतर कर सकते हैं।
कुछ तकनीकी पॉइंट्स में हल्के सुधार की आवश्यकता है।
इसके बाद सरकार ने पहले और दूसरे दोनों रेक में ये सुधार लागू करने का फैसला लिया। फिलहाल प्रोटोटाइप रेक बीईएमएल की वर्कशॉप में है, जहां रेट्रोफिटिंग का काम जारी है। इस प्रक्रिया पर RDSO और कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी की टीमें लगातार नज़र रख रही हैं।
बीईएमएल ने शुरू किए तकनीकी सुधार
बीईएमएल ने बताया कि पहला स्लीपर रेक दोबारा प्लांट में पहुंच चुका है और विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर इसमें सुधार किए जा रहे हैं। रेलवे के अनुसार, किसी भी बड़े प्रोजेक्ट में प्रोटोटाइप का वापिस आकर ठीक होना सामान्य प्रक्रिया है। लक्ष्य है कि अंतिम मॉडल यात्रियों को बेहतर, सुरक्षित और प्रीमियम यात्रा दे सके।
अब तक मिले बड़े तकनीकी सुझाव
रेल मंत्रालय ने 28 अक्टूबर को RDSO को एक पत्र भेजकर सुरक्षा से जुड़े कई अतिरिक्त उपायों पर जोर दिया, जिनमें शामिल हैं—
➤ Arc Fault Detection Device—कोच में आग लगने की संभावना को कम करने के लिए
➤ AC डक्ट की नई लोकेशन—बेहतर एयरफ्लो के लिए
➤ CCTV के लिए फायर-रेसिस्टेंट केबल का उपयोग
➤ EN 45545 फायर प्रोटेक्शन स्टैंडर्ड का थर्ड-पार्टी ऑडिट
➤ EN 15227 क्रैशवर्थीनेस स्टैंडर्ड का थर्ड-पार्टी ऑडिट
ये बदलाव सुनिश्चित करेंगे कि ट्रेन सुरक्षा के अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानक पूरे कर सके।
टेस्टिंग में सामने आई एक महत्वपूर्ण कमी
हालिया परीक्षण में एक बड़ी कमी सामने आई कुछ कोच में इमरजेंसी अलार्म बटन ऐसी जगह लगा था जहाँ यात्री तुरंत पहुंच नहीं सकते थे। यह बटन ऊपरी बर्थ कनेक्टर के पीछे छिपा हुआ था, जो आपात स्थिति में खतरा पैदा कर सकता था।
➤ रेल मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिया है कि—
➤ अब से सभी स्लीपर कोच में अलार्म बटन पूरी तरह खुली और आसानी से पहुंच वाली जगह पर लगाए जाएँ।
➤ यह सुधार सभी नई वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों में अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा।
कोच डिजाइन और फिनिशिंग पर भी निगरानी
मंत्रालय ने कहा कि कोच के भीतर डिजाइन, फिनिशिंग और क्वालिटी को और बेहतर करने के निर्देश दिए गए हैं। ट्रेन की मजबूती, सुरक्षा और आराम—तीनों को उच्च स्तर पर सुनिश्चित करना जरूरी है। ट्रेन की लॉन्चिंग पहले 15 अक्टूबर को प्रस्तावित थी, लेकिन परीक्षण और गुणवत्ता सुधारों के चलते इसे आगे बढ़ाया गया।
दिसंबर में मिलेगी देश को पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन
रेलवे का कहना है कि सभी सुधार तेज़ी से पूरे किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि दिसंबर में देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन यात्रियों के स्वागत के लिए तैयार होगी। यह ट्रेन न सिर्फ लंबी दूरी की यात्रा को तेज़ बनाएगी, बल्कि यात्रियों को नई पीढ़ी की आधुनिक और सुरक्षित स्लीपर यात्रा का अनुभव भी देगी।