देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर आज भी बेहद गंभीर बना हुआ है। दिल्लीवासियों को एक बार फिर जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। रविवार की सुबह दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) चिंताजनक रूप से 447 दर्ज किया गया।
AQI खतरनाक श्रेणी में
रविवार की सुबह दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) चिंताजनक रूप से 447 दर्ज किया गया। यह स्तर खतरनाक (Hazardous) श्रेणी में आता है और इसे लोगों के स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक माना जाता है। इस तरह के प्रदूषण में लंबे समय तक रहने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
PM2.5 और PM10 की स्थिति गंभीर
प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर की मुख्य वजह हवा में PM2.5 और PM10 जैसे बारीक कणों का स्तर कम न होना है। ये कण इतने छोटे होते हैं कि फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन व हृदय संबंधी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इन कणों का उच्च स्तर लगातार हवा की गुणवत्ता को बिगाड़ रहा है।
GRAP-3 और प्रतिबंध भी बेअसर
दिल्ली सरकार और संबंधित प्राधिकरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई सख्त कदम उठा रहे हैं। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण (GRAP-3) के तहत कई तरह के प्रतिबंध लागू किए गए हैं। इन प्रतिबंधों में निर्माण गतिविधियों पर रोक, गैर-जरूरी ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी और कुछ उद्योगों को बंद करना शामिल है।
हालांकि तमाम प्रयासों और प्रतिबंधों के बावजूद हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है जिससे राजधानी की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि मौसमी कारक, पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना और स्थानीय उत्सर्जन इस स्थिति के लिए सामूहिक रूप से जिम्मेदार हैं।