मुंबई। साउथ सुपरस्टार धनुष की नई फिल्म ‘कुबेरा’ 20 जून को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। कुबेरा’ को श्री वेकंटेश्वर सिनेमा के बैनर तले सुनील नारन और पुष्कर राम मोहन ने बनाया है। ओपनिंग डे पर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा कलेक्शन करते हुए 13 करोड़ रुपए कमाने में कामयाब हुई। फिल्म ‘कुबेरा’ में धनुष के अलावा साउथ अभिनेता नागार्जुन, रश्मिका मंदाना, जिम सर्भ और दलीप ताहिल ने अहम भूमिका निभाई है। ‘कुबेरा’ कहानी है उन लोगों की है जो गरीबी की ज़िंदगी जीते हैं और भीख मांगकर अपने दिन काटते हैं। फिल्म यह दिखाती है कि समाज के कुछ अमीर और प्रभावशाली लोग किस तरह गरीबों का नाम इस्तेमाल करके अपनी काली कमाई को सफेद करते हैं। धनुष फिल्म में ‘देवा’ नामक एक भिखारी की भूमिका में हैं, जो परिस्थितियों के फेर में उलझता चला जाता है।
क्या है फिल्म की कहानी?
फिल्म की कहानी शुरू होती है बंगाल की खाड़ी के अथाह जल में, एक दुर्लभ तेल भंडार की गुप्त खोज को लेकर। इस दुर्लभ तेल भंडार की खोज नीरज मित्रा (जिम सर्भ) के लालच को और बढ़ा देती है। नीरज एक महत्वाकांक्षी उद्योगपति है, जो इस खजाने को धन, सत्ता और राजनीतिक दबदबे का जरिया बनाना चाहता है। अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए वह अपने पिता (दलीप ताहिल) और उच्च-स्तरीय नेताओं का समर्थन जुटाकर एक बेहद गोपनीय स्कैम तैयार करता है, ताकि उसके अथाह काले धन को सफेद किया जा सके। इस स्कैम में वह दीपक शर्मा (नागार्जुन) पर दांव लगाता है। दीपक कभी एक ईमानदार और बेखौफ सीबीआई अधिकारी हुआ करता था, लेकिन भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ खड़ा होने की सजा के रूप में उसे जेल हो जाती है। न्याय व्यवस्था से विश्वास उठ जाने वाले दीपक के पास लौटने का कोई रास्ता नहीं, इसलिए वह अनिच्छा-पूर्वक नीरज के प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है।
हालांकि इस घपले में वह लालच और अनैतिकता का विरोधी ही है। इस घोटाले को अंजाम देने के लिए वह देश के सबसे ज्यादा अनदेखे और तिरस्कृत तबके भिखारियों का सहारा लेता है। इन्हीं में से एक है देवा (धनुष), जो मासूम है और इस बात से अनजान कि उसे किसी षड्यंत्र में फंसाया जा रहा है। देवा के अन्य साथी भिखारियों को जब काम खत्म होने के बाद मौत के घाट उतार दिया जाता है, तब देवा अपनी जान बचा कर भागता है। इस भागा-दौड़ी में देवा की मुलाकात स्टेशन पर समीरा (रश्मिका मंदाना) से होती है, जो खुद अपने बॉयफ्रेंड राजू के लिए घर से भागी है, मगर राजू उसे धोखा दे गया है। ऐसे में बहादुर और संवेदनशील समीरा अनजाने में उसकी सहयोगी बन जाती है। इसके बाद ये दोनों ही एक ऐसी रोमांचक यात्रा पर निकल पड़ते हैं, जहां पर एक तरफ मौत खड़ी है, तो दूसरी तरफ विश्वास, शक्ति संघर्ष और अस्तित्व दांव पर लगा है।
फिल्म की खामियां और खूबियां
फिल्म में जहां कुछ खामियां हैं तो कुछ खूबियां भी हैं। खामियों की बात करें तो फिल्म की लंबाई इसकी पकड़ को नुकसान पहुंचाती है। फिल्म के कई दृश्य अनावश्यक लगते हैं। कुछ चेसिंग सीक्वेंस और भटकाव वाले दृश्य बहुत खिंचे हुए लगते हैं, जिससे फिल्म कई जगह धीमी पड़ जाती है। धनुष का भिखारी वाला बैकग्राउंड और उनके भिखारियों को लेकर विचार उतने प्रभावशाली या विश्वसनीय नहीं लगते, जितना फिल्म उन्हें बनाना चाहती है। ‘कुबेरा’ एक दक्षिण भारतीय फिल्म है, और कई दृश्य खासतौर पर वहां के दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। हिंदी डबिंग में कई बार संवादों की आत्मा खो जाती है, डबिंग की आवाज़ें और कलाकारों के हावभाव कई बार मेल नहीं खाते, जिससे भावनात्मक प्रभाव कम हो जाता है।
वहीं, फिल्म की खूबियों की बात करें तो फिल्म का विषय बड़ा और सामयिक है, यह लालच, भ्रष्टाचार और नैतिकता जैसे गंभीर मुद्दों पर बात करती है। कई दृश्यों में फिल्म दर्शकों को बांधने में सफल रहती है। शेखर कम्मुला का निर्देशन संतुलित है, विशेषकर इमोशनल और टकराव वाले दृश्यों में। धनुष, नागा अर्जुन और रश्मिका मंदाना ने बेहतरीन अभिनय किया है। धनुष की बॉडी लैंग्वेज और नागा अर्जुन की स्क्रीन प्रेज़ेंस प्रभावशाली है। देवी श्री प्रसाद का संगीत कैची है और फिल्म को व्यावसायिक अपील देता है। कुल मिलाकर ‘कुबेरा’ एक ठीक ठाक फिल्म है। हालांकि हिंदी के दर्शकों को दक्षिण से जिस तरह की उम्मीद रहती है ये वैसी फ़िल्म नहीं, लेकिन विषय की गंभीरता, अभिनय और संगीत इसे एक बार जरूर देखने लायक बनाते हैं।
क्या कहतें हैं दर्शक
सोशल मीडिया पर ‘कुबेरा’ देखने के बाद कई ऑडियंस इसकी तारीफ कर रहे हैं। कुछ कह रहे हैं कि धनुष को नेशनल अवॉर्ड मिलेगा तो कुछ कह रहे हैं कि ये फाड़ू कहानी है। वहीं कुछ ने इसे कमजोर भी बताया। एक्स पर एक यूजर ने लिखा, ‘इंटरवल तक रोंगटे खड़े होते हैं तो क्लाइमैक्स चिल कर देता है। ‘कुबेरा’ में ऐसा कोई मूमेंट नहीं जो आपको निराश करे। इसे सबको एन्जॉय करना चाहिए।’ वहीं दूसरे यूजर ने लिखा, ‘अगर नेशनल अवॉर्ड सच्चे हैं तो ‘कुबेरा’ की परफॉर्मेंस के लिए धनुष को ये अवॉर्ड मिलना ही चाहिए।’ वहीं ऐसे भी कई यूजर हैं जो इसे ब्लॉकबस्टर बता रहे हैं।