नई दिल्ली/श्रीनगर : 'ऑपरेशन सिंदूर' की जबरदस्त सफलता के बाद, केंद्र सरकार ने अब पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और उसके आकाओं को जड़ से खत्म करने के लिए एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद, जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की लगभग 100 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात रखने का फैसला किया गया है। इसका सीधा मतलब है कि घाटी में करीब 10,000 और जवान आतंक के सफाए के लिए मौजूद रहेंगे।
क्या है सरकार का मास्टरप्लान?
यह कदम केंद्र सरकार की उस बड़ी रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह से आतंक मुक्त बनाना है।
1. अतिरिक्त बल की तैनाती: ये वे कंपनियां हैं जिन्हें हाल ही में संपन्न हुई अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। अब इन्हें वापस नहीं भेजा जाएगा, बल्कि घाटी के सिक्योरिटी ग्रिड को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
2. CRPF और BSF की भूमिका: इन 100 कंपनियों में से करीब 85 देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल CRPF की हैं, जबकि बाकी कंपनियां सीमा सुरक्षा बल (BSF) की होंगी।
3. नक्सलवाद की तरह होगा खात्मा: यह योजना ठीक उसी तर्ज पर है, जैसे गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। सरकार अब उसी दृढ़ता के साथ कश्मीर से आतंकवाद का समूल नाश करना चाहती है।
क्यों अहम है 'ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र?
इस पूरी कार्रवाई की नींव 'ऑपरेशन सिंदूर' की उस सफलता पर रखी गई है, जिसकी तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने की थी। गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू में BSF जवानों की वीरता की सराहना करते हुए कहा था, "ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान जब पाकिस्तान ने हमारे रिहायशी इलाकों पर हमला किया, तब अकेले BSF के जम्मू फ्रंटियर ने 118 से ज्यादा पाकिस्तानी पोस्ट तबाह कर दीं... दुश्मन की पूरी निगरानी प्रणाली को ध्वस्त कर दिया, जिसे फिर से खड़ा करने में उसे 4-5 साल लगेंगे।" इसी सफलता से मिले हौसले के बाद अब सरकार आतंकवाद पर अंतिम प्रहार करने की तैयारी में है।
आतंकियों पर होगा निर्णायक प्रहार
खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, अभी घाटी में स्थानीय आतंकियों की संख्या महज तीन दर्जन के करीब है, जबकि 70 से ज्यादा पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार, यह तैनाती उनकी मांग पर की गई है और अब आतंकवाद पर एक निर्णायक प्रहार किया जाएगा। उनका कहना है कि आतंकियों को चाहे वे मैदानी इलाकों में छिपे हों या पहाड़ों की गुफाओं में, उन्हें हर जगह से ढूंढकर खत्म किया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर सरकार को इन 100 कंपनियों को इस महीने के अंत तक घाटी में ही बनाए रखने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसका मकसद साफ है - आतंकवाद पर अंतिम प्रहार करना और पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश देना कि अब उसकी कोई भी नापाक हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।