नई दिल्ली : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर आज सुबह हुए हमले के मामले में एक बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस ने हमलावर की प्रारंभिक पहचान कर ली है। पूछताछ के दौरान उसने अपना नाम राजेश भाई खीमजी भाई सकारिया बताया है और खुद को गुजरात के राजकोट का निवासी बताया है। 41 वर्षीय आरोपी से सिविल लाइंस थाने में कड़ी पूछताछ की जा रही है।
कैसे दिया गया हमले को अंजाम?
यह हमला बुधवार सुबह करीब 7 बजे उस वक्त हुआ, जब मुख्यमंत्री अपने सिविल लाइंस स्थित आवास पर रोजाना की तरह जनसुनवाई कर रही थीं। हमलावर अपनी पीठ पर एक बैग टांगे और हाथ में कुछ कागज लेकर शिकायतकर्ता बनकर मुख्यमंत्री के पास पहुंचा।
चश्मदीदों के अनुसार, उसने पहले मुख्यमंत्री को कुछ कागज दिए, और फिर अचानक ऊंची आवाज में चिल्लाते हुए उन पर हमला कर दिया। घटना के तुरंत बाद सुरक्षाकर्मियों ने हमलावर को दबोच लिया। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बताया कि इस हमले में मुख्यमंत्री को सिर पर मामूली चोट आई है, लेकिन वह सुरक्षित हैं।
पुलिस की जांच और बड़े सवाल
इस हमले ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और पुलिस हर एंगल से मामले की जांच कर रही है:
1. मकसद क्या था? पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हमले के पीछे का असली मकसद क्या था।
2. गुजरात कनेक्शन की जांच: क्या हमलावर सच में गुजरात का रहने वाला है? और अगर हाँ, तो गुजरात के एक निवासी की दिल्ली की मुख्यमंत्री से क्या शिकायत हो सकती है?
3. CCTV फुटेज: पुलिस इलाके के CCTV फुटेज खंगाल रही है ताकि पूरी घटना की कड़ियां जोड़ी जा सकें।
सियासी भूचाल और साजिश का शक
इस हमले के बाद दिल्ली की राजनीति में भूचाल आ गया है और इसे एक राजनीतिक साजिश के तौर पर भी देखा जा रहा है।
"यह एक कायराना हरकत है": दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने इस हमले को "ना-माफी के काबिल अपराध" बताते हुए हमला करने वाले और करवाने वाले, दोनों को "कायर" और "अपराधी" कहा।
विपक्षी दलों की निंदा: वहीं, AAP की नेता आतिशी और कांग्रेस के देवेंद्र यादव ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला और दिल्ली की कानून-व्यवस्था पर एक गंभीर सवाल बताया है।
इस घटनाक्रम ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर एक बड़ी बहस छेड़ दी है, जिसके दूरगामी राजनीतिक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।