नई दिल्ली वैश्विक परामर्श फर्म EY (Ernst & Young) ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक बेहद सकारात्मक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 2038 तक क्रय शक्ति समानता (Purchasing Power Parity - PPP) के आधार पर अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है । यह आकलन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुमानों पर आधारित है, जिसके अनुसार उस समय भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 34.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा।
क्यों खास है भारत की विकास गाथा?
EY की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की यह तरक्की सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि इसके पीछे मजबूत बुनियाद है जो इसे चीन और अमेरिका जैसे देशों से अलग करती है ।
1. युवा आबादी (Young Population): जहां चीन और पश्चिमी देश बूढ़ी होती आबादी और बढ़ते कर्ज से जूझ रहे हैं, वहीं भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी युवा शक्ति है । 2025 में भारत की औसत आयु मात्र 28.8 वर्ष है, जो इसे दुनिया का सबसे युवा देश बनाती है।
2. कम होता कर्ज: भारत सरकार का ऋण-GDP अनुपात 2024 में 81.3% से घटकर 2030 तक 75.8% पर आने का अनुमान है, जबकि अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का कर्ज लगातार बढ़ रहा है ।
3. जबरदस्त बचत दर: भारत के पास दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची बचत दर है, जो निवेश और विकास को बढ़ावा देती है।
सुधारों ने दी रफ्तार
भारत की यह अनुमानित सफलता सिर्फ जनसांख्यिकी पर नहीं, बल्कि पिछले कुछ वर्षों में हुए संरचनात्मक सुधारों पर भी टिकी है:
1. GST और IBC: वस्तु एवं सेवा कर (GST) और दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (IBC) जैसे सुधारों ने व्यापार करने के माहौल को बेहतर बनाया है।
2. डिजिटल क्रांति (UPI): वित्तीय समावेशन और खासकर UPI ने अर्थव्यवस्था को एक नई गति दी है।
3. PLI स्कीम्स: उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (Production-Linked Incentive - PLI) योजनाओं ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा दिया है।
2047 तक 'विकसित भारत' का सपना होगा साकार?
EY इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डी. के. श्रीवास्तव का मानना है कि यदि भारत अपनी तकनीकी क्षमताओं, जैसे कि AI, सेमीकंडक्टर और नवीकरणीय ऊर्जा, को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करता है, तो 2047 तक 'विकसित भारत' का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है । रिपोर्ट यह भी कहती है कि बाजार विनिमय दर (Market Exchange Rate - MER) के आधार पर भारत 2028 तक जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा ।
अमेरिकी टैरिफ का कितना असर?
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का भारत पर असर सीमित रहेगा। यदि सही कदम उठाए गए, तो भारत की विकास दर पर इसका असर सिर्फ 0.1 प्रतिशत तक ही सीमित रहेगा । इसके लिए भारत को निर्यात में विविधता लाने और घरेलू मांग को मजबूत करने की जरूरत होगी।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितता का माहौल है, और यह दिखाती है कि भारत वैश्विक मंच पर एक मजबूत और स्थिर अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है।