नई दिल्ली : रियल एस्टेट (Real Estate) सेक्टर से आज (गुरुवार) एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (Jaypee Infratech Ltd) के MD मनोज गौड़ (Manoj Gaur) को गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है, जिसमें उन पर हजारों घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी और करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) का गंभीर आरोप है।
₹12,000 करोड़ की 'हेराफेरी' का आरोप
ED का आरोप है कि जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड ने अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के लिए घर खरीदारों से जो पैसा लिया, उसे जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) और अन्य जुड़ी हुई कंपनियों में लगाकर उनका गलत इस्तेमाल किया गया।
आरोप है कि मनोज गौड़ के जरिए इन कंपनियों ने करोड़ रुपये की गड़बड़ी की है। इस धोखाधड़ी में कई निवेशकों का पैसा अटका हुआ है और उन्हें अभी तक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
2017 में दर्ज हुई थीं कई FIR
यह मामला साल 2017 में तब सुर्खियों में आया था, जब घर खरीदारों (homebuyers) ने बिल्डर के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था और आरोप लगाया था कि उनके पैसे का गलत इस्तेमाल किया गया है, जिसके बाद कई FIR (एफआईआर) दर्ज की गई थीं।
मई 2025 में पड़े थे 15 ठिकानों पर छापे
इसी साल मई 2025 में, ED ने PMLA (पीएमएलए) के तहत जेपी इंफ्राटेक और जेपी एसोसिएट्स के ठिकानों पर छापेमारी की थी। ANI (एएनआई) की रिपोर्ट के अनुसार, 23 मई को दिल्ली (Delhi), मुंबई (Mumbai) और अन्य प्रमुख शहरों में लगभग 15 जगहों पर यह कार्रवाई की गई थी, जिसमें करोड़ रुपये की नकदी (cash) भी ED ने अपने कब्जे में ली थी।
जांच जारी
मनोज गौड़ की गिरफ्तारी के बाद, ED की जांच अब और तेज हो सकती है। एजेंसी अब जब्त किए गए महत्वपूर्ण दस्तावेजों, डिजिटल डिवाइस और बैंक रिकॉर्ड के आधार पर, संपत्तियों की अटैचमेंट और पैसे के लेन-देन के माध्यम से पूरे मामले की पड़ताल कर रही है।