डीआरडीओ की रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) और एम्स बीबीनगर ने पहले मेक-इन-इंडिया लागत प्रभावी उन्नत कार्बन फाइबर कृत्रिम पैर का अनावरण किया है। एम्स बीबीनगर-डीआरडीएल, डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित यह अनुकूलित कार्बन फुट प्रोस्थेसिस (एडीआईडीओसी) आत्मनिर्भर भारत पहल के अंतर्गत एक बड़ी सफलता है। इस कार्बन फुट प्रोस्थेसिस का अनावरण डीआरडीएल के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और निदेशक डॉ जीए श्रीनिवास मूर्ति और एम्स बीबीनगर के कार्यकारी निदेशक डॉ अहंतेम सांता सिंह ने किया।
इसकी जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय ने बताया कि पहले मेक-इन-इंडिया लागत प्रभावी उन्नत कार्बन फाइबर फुट प्रोस्थेसिस (कृत्रिम पैर) का सोमवार को एम्स बीबीनगर, तेलंगाना में अनावरण किया गया। एडीआईडीओसी का पर्याप्त सुरक्षा कारक के साथ 125 किलोग्राम तक भार के लिए बायोमैकेनिकल परीक्षण किया गया है।
विभिन्न भार के रोगियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यह तीन प्रकारों में उपलब्ध है। इस पैर को उच्च-गुणवत्ता और किफायती समाधान प्रदान करने के लक्ष्य के साथ डिज़ाइन किया गया है ताकि यह ज़रूरतमंद लोगों को अंतरराष्ट्रीय मॉडलों की तरह आसानी से उपलब्ध हो सके।
उम्मीद है कि इससे उत्पादन की लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी और यह लगभग 20,000 रुपये से भी कम हो जाएगी, जबकि वर्तमान में आयातित समान उत्पादों की लागत लगभग दो लाख रुपये है।
मंत्रालय ने कहा कि इस नवाचार से देश में निम्न आय वर्ग के दिव्यांगों के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले कृत्रिम अंगों तक पहुंच में उल्लेखनीय सुधार, आयातित तकनीकों पर निर्भरता में कमी और दिव्यांगजनों के व्यापक सामाजिक एवं आर्थिक समावेशन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।