भारत की साफ-सफाई की कहानी जब भी लिखी जाएगी, इंदौर का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। आठवीं बार लगातार देश का सबसे स्वच्छ शहर बनकर इंदौर ने वो कर दिखाया है, जो अब तक कोई नहीं कर पाया। गुरुवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर को स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 का पहला पुरस्कार प्रदान किया।
इस भव्य आयोजन में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल, सचिव मनोज जोशी समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। ये सिर्फ एक अवॉर्ड नहीं, बल्कि इंदौर की जनता, नगर निगम और प्रशासन की मिलीजुली मेहनत का नतीजा है।
सुपर लीग में भी इंदौर बना सिरमौर
इस बार के सर्वेक्षण में एक नया मोड़ आया—‘सुपर लीग’ की शुरुआत। इसमें उन्हीं 23 शहरों को शामिल किया गया, जो पिछले वर्षों में टॉप 3 में रह चुके हैं। यानी मुकाबला सिर्फ बेस्ट ऑफ द बेस्ट से था। लेकिन इंदौर ने यहां भी न सिर्फ जगह बनाई, बल्कि टॉप पर रहते हुए फिर से खुद को ‘स्वच्छता का बादशाह’ साबित किया। गुजरात का सूरत इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर रहा।
4500 से ज्यादा शहरों की होड़ में निकला इंदौर
स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में देशभर के 4500 से ज्यादा शहरों को 10 मापदंडों और 54 संकेतकों के आधार पर परखा गया। सफाई, कचरा प्रबंधन, नागरिक फीडबैक, तकनीकी इस्तेमाल और नवाचार जैसे तमाम पैमानों पर शहरों का मूल्यांकन किया गया। इसका मकसद सिर्फ अवॉर्ड देना नहीं, बल्कि आम लोगों को स्वच्छता अभियान में भागीदार बनाना है।
क्यों खास है इंदौर की जीत?
1. लगातार 8वीं बार बना नंबर-1
2. हर साल नई तकनीक और नागरिक भागीदारी से बेजोड़ सफाई मॉडल
3. डोर-टू-डोर कलेक्शन से लेकर कचरा रिसाइकलिंग तक सबमें अव्वल
4. नगर निगम और जनता की मजबूत साझेदारी
नतीजा साफ है—जो शहर सच में मेहनत करता है, वो हर सर्वे में चमकता है।