सिक्किम के गंगटोक जिले में बुधवार रात एक जिला-स्तरीय ब्लैकआउट मॉक ड्रिल सफलतापूर्वक आयोजित की गई। इस अभ्यास का उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में जिला प्रशासन और नागरिकों की तैयारी की जांच करना था। यह ड्रिल गृह मंत्रालय (MHA) के निर्देश पर गंगटोक जिला प्रशासन द्वारा कई आपातकालीन एजेंसियों के साथ मिलकर आयोजित की गई। रात 9 बजे पूरे गंगटोक शहर में बीस हूटर लगे वाहनों से एयर रेड सायरन बजाया गया, जिससे मॉक ड्रिल की शुरुआत हुई। इसके बाद पूरे जिले में 15 मिनट का ब्लैकआउट किया गया। इस दौरान सभी नागरिकों से कहा गया था कि वे इन्वर्टर, जनरेटर, सौर ऊर्जा से चलने वाली रोशनी सहित सभी प्रकार के रोशनी के स्रोत बंद कर दें।
इस दौरान सार्वजनिक आवागमन रोक दिया गया था और लोगों को घरों के अंदर रहने की सलाह दी गई थी। बिजली विभाग ने पूरे जिले में अस्थायी बिजली कटौती लागू की, ताकि वास्तविक आपातकाल जैसी स्थिति का अभ्यास किया जा सके। इस अभ्यास में लगभग 200 नव-नियुक्त आपदा प्रबंधन कर्मी और आपदा मित्र स्वयंसेवक शहर और ग्रामीण इलाकों में तैनात किए गए, जिन्होंने ब्लैकआउट का निरीक्षण किया और रिपोर्ट तैयार की।
गंगटोक जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह केवल एक पूर्व नियोजित मॉक ड्रिल थी और कोई वास्तविक खतरा नहीं था। सभी चेतावनियां और निर्देश सिर्फ अभ्यास का हिस्सा थे। प्रशासन ने नागरिकों के सहयोग की सराहना की। इस सफल ड्रिल से यह सिद्ध हुआ कि गंगटोक जिला हवाई हमलों जैसे आपातकालीन खतरों से निपटने के लिए तैयार है और आपदा प्रबंधन में विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय का अभ्यास किया गया। यह ब्लैकआउट मॉक ड्रिल देशभर में MHA के निर्देश पर चल रहे भारत ब्लैकआउट मॉक ड्रिल अभियान का हिस्सा थी।