लखनऊ : उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश के उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए लगातार छठे वर्ष बिजली दरों को यथावत रखने का निर्णय लिया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए भी बिजली दरें नहीं बढ़ेंगी। उल्लेखनीय है कि राज्य में आखिरी बार बिजली की दरें वर्ष 2019-20 में संशोधित हुई थीं। यही नहीं, आयोग ने नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (NPCL) के उपभोक्ताओं के लिए भी मौजूदा दरें जारी रखने और 10 प्रतिशत छूट को आगे बढ़ाने का आदेश दिया है।
25 हजार करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है: UPPCL
आयोग ने यह फैसला विभिन्न डिस्कॉम के वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) एवं बिजली दरों पर विस्तृत सुनवाई के बाद दिया। यूपी पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने आयोग के सामने इस वर्ष बिजली दरों में 45% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा था। बिजली कंपनियों का तर्क था कि उन पर लगभग 25 हजार करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है।
हालांकि, उपभोक्ता परिषद ने दर वृद्धि का जोरदार विरोध किया और बताया कि उपभोक्ताओं की तरफ से कंपनियों पर कुल 33,122 करोड़ रुपये का सरप्लस है, जो इस वर्ष बढ़कर 51,714 करोड़ रुपये हो गया है। परिषद का कहना था कि लाभ अधिक है, इसलिए कीमतें बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं बनता।
वितरण हानि कम करने का आदेश
आयोग ने यूपीपीसीएल को निर्देश दिया है कि वितरण हानि, जो 2024-25 में 13.78% थी, उसे 2029-30 तक घटाकर 10.7% तक लाया जाए। ग्रीन एनर्जी टैरिफ में भी कटौती करते हुए HV उपभोक्ताओं के लिए यह दर 0.36 रुपये से घटाकर 0.34 रुपये प्रति यूनिट तथा LV उपभोक्ताओं के लिए 0.17 रुपये प्रति यूनिट निर्धारित की गई है। साथ ही, सिक्योरिटी डिपॉजिट पर ब्याज से काटे गए TDS के संबंध में उपभोक्ताओं को सर्टिफिकेट जारी करने का आदेश दिया गया है, ताकि वे ऑनलाइन पोर्टल पर इसे डाउनलोड कर सकें।
ARR और सब्सिडी की मंजूरी
आयोग ने पांच राज्य वितरण निगमों के लिए 163,778.24 मिलियन यूनिट बिजली खरीद के लिए 1,10,993.33 करोड़ रुपये ARR को मंजूरी दी है। बिजली कंपनियों द्वारा भेजे गए अधिक दावों को आंशिक रूप से खारिज कर आयोग ने 13.35% वितरण हानि तक ही मंजूर किया है। राज्य सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को दी जाने वाली 17,100 करोड़ रुपये की सब्सिडी को भी स्वीकृति मिली है। इस राजस्व मॉडल के आधार पर इस वित्तीय वर्ष में 7,710.04 करोड़ रुपये का रेगुलेटरी गैप बनेगा।
लाइफलाइन उपभोक्ता और किसानों को राहत जारी
लाइफलाइन उपभोक्ताओं (ग्रामीण व शहरी) तथा निजी नलकूप वाले किसानों को पिछले वर्ष की तरह ही सब्सिडी मिलती रहेगी। आयोग ने बिजली कंपनियों को PAN विवरण अपडेट करने और TDS संबंधी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया है। प्रदर्शन मूल्यांकन में मध्यांचल एवं पश्चिमांचल निगम ने लक्ष्य हासिल किया है, जबकि पूर्वांचल और दक्षिणांचल निगम का प्रदर्शन सबसे कमजोर पाया गया।