भारत और सऊदी अरब ने रसायन और पेट्रोकेमिकल सेक्टर में सहयोग बढ़ाने के लिए एक द्विपक्षीय बैठक आयोजित की। यह बैठक भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अधीन रसायन एवं पेट्रोकेमिकल विभाग और सऊदी अरब के उद्योग एवं खनिज मंत्रालय के बीच हुई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा ने किया, जबकि सऊदी अरब की ओर से उपमंत्री इंजीनियर खलील बिन इब्राहिम बिन सलमाह ने प्रतिनिधित्व किया।
गौरतलब है कि सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 41.88 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा, जिसमें रसायन और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र का योगदान लगभग 10 प्रतिशत यानी करीब 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। बैठक में दोनों पक्षों ने निवेश बढ़ाने, नए सहयोग क्षेत्रों की पहचान करने और रसायन एवं पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की। दोनों देशों ने इस क्षेत्र में अपनी-अपनी ताकतों को स्वीकार किया जहां सऊदी अरब की विशेषज्ञता पेट्रोकेमिकल्स में है, वहीं भारत की मजबूती विशेष रसायनों (Speciality Chemicals) में है। दोनों ने इस क्षेत्र में आपसी तालमेल को बढ़ाने पर सहमति जताई।
साथ ही, भारत के पेट्रोलियम, केमिकल और पेट्रोकेमिकल निवेश क्षेत्रों (PCPIRs) में सऊदी निवेश की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। इसके अलावा, दोनों देशों की प्रमुख कंपनियों के बीच साझेदारी बढ़ाने के अवसरों पर भी विचार किया गया। बैठक में अनुसंधान एवं विकास (R&D) और कौशल विकास के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया गया। दोनों पक्षों ने यह सुनिश्चित किया कि यह साझेदारी न केवल आर्थिक बल्कि रणनीतिक रूप से भी दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाएगी। यह बैठक भारत और सऊदी अरब के बीच टिकाऊ और पारस्परिक लाभकारी संबंधों को गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। -(PIB)