मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने हिमाचल प्रदेश के मंडी, कुल्लू, चंबा, कांगड़ा, शिमला और सिरमौर सहित कई जिलों के लिए गुरुवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग ने कम से मध्यम स्तर की बाढ़ का खतरा और अलग-अलग जलग्रहण क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी दी है। आईएमडी की ओर से आज सुबह जारी बाढ़ संबंधी दिशा-निर्देशों के अनुसार अगले 24 घंटों में संभावित बारिश के कारण पूरी तरह से संतृप्त मिट्टी और निचले इलाकों में सतही बहाव/जलभराव हो सकता है।
वहां बुधवार शाम से ही काले बादल छाए हुए हैं, जो आगे और ज्यादा बारिश होने का संकेत दे रहे हैं। गुरुवार को भी प्रदेश के कई इलाकों में बारिश हुई है। अब तक मानसून के कारण आधिकारिक रूप से 85 लोगों की मौत हुई है, जबकि 30 से अधिक लोग लापता हैं और कई जिलों में लोगों के घायल होने की रिपोर्ट है। हालांकि क्षेत्रीय एजेंसियों का अनुमान है कि चल रहे खोज एवं बचाव अभियानों के पूरा होने के बाद वास्तविक मौतों की संख्या 115 से ज्यादा हो सकती है। 340 से अधिक घर और 149 गौशालाएं पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं तथा 500 करोड़ रुपये से अधिक के सार्वजनिक अवसंरचना को नुकसान पहुंचा है जबकि 223 जल योजनाएं और 750 से अधिक ट्रांसफार्मर बाधित हुए हैं।
थुनाग में 466 लोग प्रभावित
अकेले मंडी के थुनाग एवं सेराज इलाकों में 31 जून और एक जुलाई की मध्य रात्रि को आई अचानक बाढ़ से 466 लोग प्रभावित हुए। बादल फटने और बांधों से अचानक पानी छोड़े जाने से हालात और बिगड़ गए हैं तथा तटबंध और पुल बह गए हैं। कुल्लू, कांगड़ा और मंडी सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िलों में शामिल हैं। आईएमडी ने राज्य के अधिकांश हिस्सों में गरज और बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश और चंबा, कांगड़ा, सोलन, शिमला तथा सिरमौर में मूसलाधार बारिश की चेतावनी दी है।