नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई लगातार जारी है। सिंधु जल संधि को खत्म करने के बाद भारत सरकार अब पाकिस्तान के विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र बंद करने की तैयारी कर रहा है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। खास बात है कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद एनएससी की बैठक में पाकिस्तान ने भारत के विमानों के लिए हवाई क्षेत्र पर रोक लगा दी थी। सूत्रों के अनुसार भारत सरकार पाकिस्तानी जहाजों को देश की बंदरगाहों पर आने से भी रोक सकती है।
साथ ही पाकिस्तानी विमानों की भी हवाई क्षेत्रों में एंट्री बैन कर सकता है। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हो रहा है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवादी हमले के आरोपियों को कड़ी सजा देने की बात कही है। अगर भारत सरकार की तरफ से एयर स्पेस पर बैन लगाने का फैसला किया जाता है, तो पाकिस्तान के विमानों को दक्षिण पूर्व में कुआलालंपुर जैसे स्थानों पर जाने के लिए चीन या श्रीलंका जैसे देशों के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करना पड़ेगा। हालांकि, खबरें ये भी हैं कि पाकिस्तानी विमान पहले ही भारतीय हवाई क्षेत्र में आने से बच रहे हैं।
चार गुणा बढ़ जाएगी चीन-पाकिस्तान की दूरी
पाकिस्तान की एयरलाइनों को अब तक भारत के एयरस्पेस के माध्यम से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और चीन तक पहुंचने में कम समय और ईंधन लगता था। उदाहरण के लिए पाकिस्तान से चीन तक वर्तमान हवाई मार्ग के अनुसार हवाई जहाज को सिर्फ 805 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है और यह सफर औसतन चार घंटे 37 मिनट में पूरा हो जाता है, लेकिन अगर भारत अपना एयरस्पेस बंद कर देता है, तो पाकिस्तान को लंबा और जटिल मार्ग अपनाना होगा, जिससे यह दूरी करीब 3,312 किलोमीटर तक बढ़ जाएगी। इस नए रूट से पाकिस्तान से चीन तक की उड़ान अवधि पांच घंटे 35 मिनट से भी ज्यादा हो सकती है और ईंधन की लागत में भारी इजाफा होगा। न सिर्फ समय बल्कि संसाधनों और परिचालन खर्चों में भी कई गुना वृद्धि होगी, जिससे पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।