ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार सुबह जानकारी दी कि उसने अपने आस-पास चीन के 24 लड़ाकू विमान, 11 नौसैनिक जहाज़ और 6 सरकारी जहाज़ देखे हैं।मंत्रालय ने बताया कि इनमें से 15 विमान ताइवान की वायु सीमा (ADIZ) में घुस आए और उत्तर, दक्षिण-पश्चिम और पूर्वी हिस्सों में देखे गए। सोमवार को भी ताइवान ने इसी तरह की गतिविधि दर्ज की थी, जब चीन के 26 विमान और 9 जहाज़ उसकी सीमा के पास आए थे। उस दौरान भी 23 विमान ताइवान के ADIZ में दाखिल हुए थे।
लगातार बढ़ता तनाव
ताइवान कहता है कि यह गतिविधियाँ चीन की आक्रामक रणनीति का हिस्सा हैं।
चीन बार-बार "वन चाइना पॉलिसी" दोहराते हुए ताइवान को अपना हिस्सा बताता है।
इस विवाद की जड़ें 1949 की चीनी गृहयुद्ध से जुड़ी हैं, जब ताइवान में रिपब्लिक ऑफ चाइना (ROC) की सरकार बनी और बीजिंग पर कम्युनिस्टों का कब्जा हुआ।
ताइवान का रुख
ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश मानता है और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए चीन की हर गतिविधि पर नज़र रखता है। रक्षा मंत्रालय नियमित रूप से इन घुसपैठों की जानकारी जनता के साथ साझा करता है। ताइवान की जनता भी अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता बनाए रखने के पक्ष में है। साफ़ है कि ताइवान और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है और हाल की ये सैन्य गतिविधियाँ उसी का हिस्सा हैं।