मोहाली : मोहाली के गांव सोहाना में नर्स नसीब कौर निवासी अबोहर की हत्या कर शव को गांव के एक छप्पड़ के पास छोड़ने के मामले में मोहाली की एक अदालत ने थाना प्रभारी रशप्रीत सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सरकारी और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद, अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश विक्रांत कुमार की अदालत ने बर्खास्त थाना प्रभारी रशप्रीत सिंह को भारतीय दंड संहिता की धारा-302 के तहत उम्रकैद, 40,000 रुपये जुर्माना और शव को खुर्द-बुर्द करने के प्रयास के लिए धारा-201 के तहत 3 साल की कैद और 10,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जानकारी के अनुसार, नवंबर 2022 में एक राहगीर ने पुलिस को गांव के तालाब के पास शव पड़े होने की सूचना दी थी।
पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू की, तो पता चला कि शव नसीब कौर का था, जो गांव के एक पीजी में रहती थी और पंचकूला के एक निजी अस्पताल में नर्स का काम करती थी। शुरुआत में, यह हत्या पुलिस के लिए अनसुलझी थी। पुलिस ने आस-पास लगे सी.सी.टी.वी. कैमरों की जांच की तो देखा कि रशप्रीत सिंह शव को किसी चीज से बांधकर स्कूटर पर ले जा रहा था। इसके बाद, पुलिस ने हत्या के मामले में रशप्रीत सिंह को नामजद कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने जब रशप्रीत सिंह से पूछताछ की, तो पता चला कि रशप्रीत सिंह नशे का आदी था। रशप्रीत सिंह और नसीब कौर एक-दूसरे को काफी समय से जानते थे।
जिस दिन नसीब कौर की मौत हुई, उस दिन वे दोनों साथ थे। रशप्रीत सिंह का नसीब कौर से किसी बात पर झगड़ा हुआ था, जिसके चलते रशप्रीत सिंह ने नशे की हालत में नसीब कौर की हत्या कर दी। हत्या के बाद रशप्रीत सिंह डर गया और नसीब कौर के शव को खुर्द-बुर्द करने के इरादे से उसे किसी चीज से बांधकर अपने स्कूटर पर रखा और गांव के छप्पड़ के पास छोड़कर भाग गया। पुलिस के अनुसार उक्त पुलिस अधिकारी के खिलाफ मटौर थाने में एक घर में लूटपाट व मारपीट का मामला भी दर्ज है तथा इस मामले में विभाग द्वारा उसे बर्खास्त भी किया गया था।