नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 2929.05 करोड़ रुपए के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में उद्योगपति अनिल अंबानी के मुंबई स्थित दो ठिकानों पर शनिवार को तलाशी ली। सीबीआई ने यह कार्रवाई भारतीय स्टेट बैंक की शिकायत के आधार पर की है, जिसने 13 जून को इन संस्थाओं को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत किए जाने के बाद एजेंसी से संपर्क किया था। यह कार्रवाई आरबीआई के धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन पर मास्टर निर्देशों और बैंक के बोर्ड द्वारा अनुमोदित धोखाधड़ी के वर्गीकरण, रिपोर्टिंग और प्रबंधन नीति के अनुसार की गई थी। सीबीआई ने शुक्रवार को मुंबई की एक विशेष अदालत से तलाशी वारंट हासिल किया था।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि जांच एजेंसी ने 21 अगस्त को भारतीय स्टेट बैंक, मुंबई से प्राप्त एक शिकायत के आधार पर मेसर्स रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड (आरकॉम), मुंबई और इसके निदेशक अनिल डी. अंबानी समेत अज्ञात लोक सेवकों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ बैंक के साथ धोखाधड़ी करने तथा 2929.05 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी में कहा गया है कि अनिल अंबानी और अन्य ने कथित तौर पर मेसर्स रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड के पक्ष में एसबीआई से स्वीकृत ऋण सुविधाएं प्राप्त की और बाद में कथित तौर पर ऋणों का दुरुपयोग किया गया।
सीबीआई अधिकारी ने कहा कि ऋण निधियों और अंतर-कंपनी ऋण लेनदेन के संभावित मार्ग, बिक्री चालान वित्तपोषण के दुरुपयोग, मेसर्स रिलायंस इंफ्राटेल लिमिटेड द्वारा आरकॉम के बिलों में छूट, अंतर-कॉर्पोरेट जमाओं के माध्यम से धन की आवाजाही, रिलायंस एडीए समूह की एक समूह कंपनी मेसर्स नेटिज़न इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए पूंजीगत अग्रिमों को बट्टे खाते में डालने, और काल्पनिक देनदारों को बनाने/बट्टे खाते में डालने आदि से संबंधित आरोप थे। उपरोक्त कृत्यों के द्वारा आरोपियों पर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात के अपराध करने का आरोप है।