इस्लामाबाद; पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शनिवार को उस बात को स्वीकार किया, जिसमें पड़ोसी देश पर भीख का कटोरा लेकर दूसरे देशों से मदद मांगने का दाग है। हालांकि उन्होंने इस दौरान यह भी कहा है कि अब पाकिस्तान व्यापार करना चाहता है। क्वेटा में एक मीटिंग के दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दुनिया से भीख मांगने वाले कटोरे के साथ नहीं, बल्कि समान साझेदार के रूप में व्यापार, निवेश और नवाचार के लिए संपर्क करना चाहता है। उन्होंने क्वेटा में कमांड एंड स्टाफ कॉलेज में सेना के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि चीन पाकिस्तान का सबसे परखा हुआ दोस्त है। सऊदी अरब, तुर्की, कतर और यूएई जैसे देश हमारे सबसे भरोसेमंद सहयोगी हैं। अब ये देश हमसे समान भागीदार की तरह जुडऩा चाहते हैं।
हम साथ में व्यापार, नवाचार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में काम करना चाहते हैं। शहबाज शरीफ ने सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सैयद असीम मुनीर का हवाला देते हुए कहा कि अब वह और मुनीर इस आर्थिक निर्भरता के बोझ को और नहीं उठाना चाहते। उन्होंने कहा कि मैं और फील्ड मार्शल मुनीर अब इस बोझ को और ढोने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि अंतत: यह बोझ इस महान राष्ट्र के कंधों पर पड़ता है। प्रधानमंत्री शरीफ ने पाकिस्तान की आर्थिक समस्याओं का हल बताते हुए कहा कि देश को अपने प्राकृतिक और मानव संसाधनों का पूरी तरह से उपयोग करना होगा। उन्होंने कहा, उत्तर सीधा है। हमारे पास जो संसाधन हैं, उनका इस्तेमाल हमें मुनाफे वाले प्रोजेक्ट्स में करना होगा।
भारत से बातचीत करना चाहते हैं पीएम शरीफ
शहबाज शरीफ हाल ही में 25 से 29 मई तक तुर्किये, ईरान, अजरबैजान और ताजिकिस्तान के दौरे से लौटे हैं। इस दौरान उन्होंने इन देशों के राष्ट्र अध्यक्षों का भारत के साथ लड़ाई के वक्त समर्थन देने के लिए शुक्रिया कहा। ईरान और अजरबैजान के दौरे पर शरीफ ने भारत के साथ बातचीत की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान कश्मीर, आतंकवाद और पानी के मुद्दे पर बातचीत करें।