आमदनी से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को अदालत ने एक बार फिर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। शनिवार को मोहाली कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मजीठिया की हिरासत 2 अगस्त 2025 तक बढ़ा दी। कोर्ट में पेशी के दौरान विजिलेंस ब्यूरो ने जांच से जुड़े अहम दस्तावेज़ पेश किए और आगे की पूछताछ के लिए समय मांगा।
शनिवार सुबह मजीठिया को कड़ी सुरक्षा के बीच मोहाली की विशेष अदालत में पेश किया गया। कोर्ट परिसर और उसके आसपास भारी पुलिस बल तैनात रहा। इससे पहले 14 दिन की न्यायिक हिरासत खत्म होने पर मजीठिया को फिर से अदालत में पेश किया गया था।
विजिलेंस के पास क्या है नया?
सूत्रों के अनुसार, आज की सुनवाई में विजिलेंस ब्यूरो की ओर से केस से जुड़े नए सबूत और दस्तावेज़ कोर्ट के समक्ष रखे गए। एजेंसी की मंशा साफ थी कि मजीठिया की हिरासत को बढ़ाकर पूछताछ और गहन जांच को आगे बढ़ाया जाए। अब इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में विजिलेंस चार्जशीट दाखिल करने की दिशा में भी कोई ठोस कदम उठा सकती है।
मामले की पूरी टाइमलाइन: कहां से कहां पहुंचा केस
1. 25 जून : विजिलेंस ब्यूरो ने मजीठिया के खिलाफ आमदन से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया। अमृतसर और चंडीगढ़ स्थित ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 540 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता से जुड़े दस्तावेज़ बरामद हुए। मजीठिया को उसी दिन अमृतसर से गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने उनके कब्जे से 29 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 3 iPad, 2 डेस्कटॉप, 8 डायरियां और कई अन्य कागज़ात ज़ब्त किए।
2. 26 जून : मजीठिया को मोहाली कोर्ट में पेश किया गया। विजिलेंस को 7 दिन की रिमांड मिली।
3. 27 जून : केस में पूर्व DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय का नाम सामने आया, जो NDPS एक्ट के पुराने केस में मजीठिया से जुड़े रहे हैं।
4. 28 जून : ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह ने अपना बयान दर्ज करवाया। उन्होंने बताया कि 2013 में हुए ड्रग्स से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी जगदीश भोला और अन्य ने मजीठिया का नाम लिया था।
5. 2 जुलाई : कोर्ट ने मजीठिया के रिमांड को 4 दिन के लिए और बढ़ाया, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
अब आगे क्या?
अब जबकि मजीठिया को दो अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, जांच एजेंसी के पास और वक्त होगा कि वह अपने केस को और मजबूत करे। यदि विजिलेंस को पर्याप्त सबूत मिलते हैं, तो जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जा सकती है। इसके अलावा, मजीठिया की ओर से ज़मानत याचिका दायर किए जाने की भी संभावना जताई जा रही है