प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में दो दिवसीय राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने समिट को संबोधित करते हुए निवेशकों से पूर्वोत्तर क्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रों का पता लगाने का आग्रह किया और कहा कि पूर्वोत्तर अब अवसरों की भूमि बन रहा है।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर ऊर्जा और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पूर्वोत्तर भारत का सबसे विविध क्षेत्र है और यह विविधता ही देश की ताकत है। उन्होंने कहा इस क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हो रही है। हम इसकी विकास गाथा को और तेज करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा, आज जब मैं राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट के इस भव्य मंच पर हूं, तो मन में गर्व है, आत्मीयता है, अपनापन है और सबसे बड़ी बात है कि भविष्य को लेकर अपार विश्वास है।
नॉर्थ ईस्ट को लेकर सभी में उत्साह है, उमंग है और नए-नए सपने
उन्होंने याद दिलाते हुए कहा, अभी कुछ ही महीने पहले यहां भारत मंडपम में हमने अष्टलक्ष्मी महोत्सव मनाया था। आज हम यहां नॉर्थ ईस्ट में इन्वेस्टमेंट का उत्सव मना रहे हैं। यहां इतनी बड़ी संख्या में इंडस्ट्री लीडर्स आए हैं। ये दिखाता है कि नॉर्थ ईस्ट को लेकर सभी में उत्साह है, उमंग है और नए-नए सपने हैं।
नॉर्थ ईस्ट डाइवर्स नेशन का सबसे डाइवर्स हिस्सा
पीएम मोदी ने आगे कहा भारत को दुनिया का सबसे डाइवर्स नेशन कहा जाता है और हमारा नॉर्थ ईस्ट इस डाइवर्स नेशन का सबसे डाइवर्स हिस्सा है। उन्होंने कहा ट्रेड से ट्रेडिशन तक, टेक्सटाइल से टूरिज्म तक नॉर्थ ईस्ट की डाइवर्सिटी उसकी बहुत बड़ी स्ट्रैंथ है।
पूर्वोत्तर हमारी अष्टलक्ष्मी
उन्होंने कहा, मैं पूर्वोत्तर उदय शिखर सम्मेलन की शानदार सफलता पर अपनी हार्दिक बधाई देना चाहता हूँ। भारत को दुनिया के सबसे विविधतापूर्ण देशों में से एक माना जाता है, और पूर्वोत्तर इस विविधतापूर्ण देश के भीतर सबसे विविध क्षेत्र के रूप में सामने आता है। व्यापार से लेकर परंपरा तक, वस्त्र से लेकर पर्यटन तक, पूर्वोत्तर की समृद्ध विविधता इसकी सबसे बड़ी ताकत है। बायोइकोनॉमी और बांस से लेकर चाय उत्पादन और पेट्रोलियम तक, खेल और कौशल विकास से लेकर इकोटूरिज्म और जैविक उत्पादों तक, पूर्वोत्तर एक ऊर्जा शक्ति है। इसलिए पूर्वोत्तर हमारी अष्टलक्ष्मी है।
हमारे लिए ईस्ट का मतलब- एम्पावर, एक्ट, स्ट्रैंथ एंड ट्रांसफॉर्म
पीएम मोदी ने कहा हमारे लिए ईस्ट का मतलब है एम्पावर, एक्ट, स्ट्रैंथ एंड ट्रांसफॉर्म। पूर्वी भारत के लिए यही हमारी सरकार की नीति है। आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा हम लूक ईस्ट से आगे बढ़कर एक्ट ईस्ट के मंत्र पर चले।
आज नॉर्थ ईस्ट ग्रोथ का फ्रंट-रनर
एक समय था नॉर्थ ईस्ट को सिर्फ फ्रंटियर रीजन कहा जाता था। आज ये ग्रोथ का फ्रंट-रनर बन रहा है। पीएम मोदी ने आगे कहा, हील इन इंडिया का मंत्र ग्लोबल मंत्र बने, ये हमारा प्रयास है। नॉर्थ ईस्ट में नेचर भी है और ऑर्गेनिक लाइफस्टाइल के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन भी है।
नॉर्थ ईस्ट के तो कल्चर में ही म्यूजिक है, डांस है, सेलिब्रेशन है
उन्होंने कहा, नॉर्थ ईस्ट के तो कल्चर में ही म्यूजिक है, डांस है, सेलिब्रेशन है। इसलिए ग्लोबल कॉन्फ्रेंस हों, कॉन्सर्ट्स हों या फिर डेस्टिनेशन वेडिंग्स इसके लिए भी नॉर्थ ईस्ट बेहतरीन जगह है।
नॉर्थ ईस्ट टूरिज्म के लिए एक कंप्लीट पैकेज
एक तरह से नॉर्थ ईस्ट टूरिज्म के लिए एक कंप्लीट पैकेज है। अब नॉर्थ ईस्ट में विकास का लाभ कोने-कोने तक पहुंच रहा है, तो इसका भी पॉजीटिव असर टूरिज्म पर पड़ रहा है। वहां पर्यटकों की संख्या दोगुनी हुई है।
पीएम मोदी ने कहा- हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलती है
पीएम मोदी ने कहा आतंकवाद हो या अशांति फैलाने वाले माओवादी हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलती है। हमारा नॉर्थ ईस्ट, दो और सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण डेस्टिनेशन बन रहा है। ये सेक्टर हैं- एनर्जी और सेमीकंडक्टर।
हमारा फोकस नॉर्थ ईस्ट के युवाओं के भविष्य पर
उन्होंने कहा, एक समय था, जब नॉर्थ ईस्ट के साथ बम, बंदूक और ब्लोकेड का नाम जुड़ा हुआ था। इसका बहुत बड़ा नुकसान वहां के युवाओं को उठाना पड़ा। उनके हाथों से अनगिनत मौके निकल गए। लेकिन, हमारा फोकस नॉर्थ ईस्ट के युवाओं के भविष्य पर है।
पिछले 10-11 साल में 10 हजार से ज्यादा युवाओं ने हथियार छोड़कर शांति का रास्ता चुना
इसलिए हमने एक के बाद एक शान्ति समझौते किए। युवाओं को विकास की मुख्यधारा में आने का अवसर दिया। पिछले 10-11 साल में 10 हजार से ज्यादा युवाओं ने हथियार छोड़कर शांति का रास्ता चुना है।
आज इस क्षेत्र में 17 हवाई अड्डे हैं और 2000 से अधिक उड़ानें
वहीं इस अवसर पर बोलते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सरकार ने उत्तर-पूर्व क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया है। उन्होंने कहा कि आज इस क्षेत्र में 17 हवाई अड्डे हैं और 2000 से अधिक उड़ानें हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि परिवर्तन की हवा पूर्वोत्तर में चल रही है।
उत्तर-पूर्व क्षेत्र बन जाएगा दक्षिण पूर्व एशिया का अंतरराष्ट्रीय गलियारा
उन्होंने विश्वास जताया कि उत्तर-पूर्व क्षेत्र दक्षिण पूर्व एशिया का अंतरराष्ट्रीय गलियारा बन जाएगा। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने निवेशकों और व्यापार जगत के नेताओं से मेक इन इंडिया, मेक इन द नॉर्थईस्ट और मेक फॉर द वर्ल्ड का आग्रह किया। उन्होंने उनसे क्षेत्र में पहले कदम का लाभ उठाने को कहा।
उल्लेखनीय है कि इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन का उद्देश्य उत्तर पूर्व क्षेत्र को अवसरों की भूमि के रूप में उजागर करना और वैश्विक और घरेलू निवेश को आकर्षित करना है। शिखर सम्मेलन में मंत्रिस्तरीय सत्र, बिजनेस-टू-गवर्नमेंट सत्र, बैठकें, स्टार्टअप और नीति की प्रदर्शनियां और निवेश प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार और केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा की गई संबंधित पहल शामिल होंगी कपड़ा, हथकरघा और हस्तशिल्प, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कौशल विकास, सूचना प्रौद्योगिकी और इसकी सक्षम सेवाएं, बुनियादी ढांचा और रसद, ऊर्जा और मनोरंजन और खेल। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य प्रमुख हितधारकों, निवेशकों और नीति निर्माताओं को एक मंच पर लाना है।