जालंधर : शहर की सुंदरता को निखारने और नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा तारों के मक्कड़ जाल को हटाने का फैसला लिया गया है। इसके लिए महानगर में पायलट प्रोजैक्ट चलाया जा रहा है, जिसकी शुरूआत ओल्ड रेलवे रोड से की जा रही है। इसी संबंध में मीटिंग का आयोजन डी.सी. डा. हिमांशु अग्रवाल की अध्यक्षता में हुआ जिसमें पावरकॉम, बी.एस.एन.एल. व टेलीकॉम कंपनियों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
डी.सी. द्वारा संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि शहर में लटकी हुई बेकार और टूटी-फूटी तारों को तुरंत हटाया जाए। समीक्षा बैठक के दौरान डी.सी. डा. अग्रवाल ने कहा कि शहर की कई सड़कों और गलियों में पुरानी और अनुपयोगी तारें लटकते हुए नजर आती है, जोकि देखने में खराब लगती हैं व लोगों की जान के लिए भी खतरा बन सकती हैं।
पावरकॉम, टेलीकॉम और नगर निगम से जुड़े अधिकारियों को बिजली, फोन व इंटरनैट की बिना जरूरत वाली तारें हटाने को कहा गया। डी.सी. ने बताया कि पुरानी रेलवे रोड स्थित चिंतपूर्णी मंदिर के पास से पायलट प्रोजैक्ट की शुरूआत की जा रही है। मंदिर के पास असंख्य तारों हैं, यहां मंदिर होने के कारण श्रद्धालुओं की आवाजाही भी ज्यादा रहती है। ऐसे में यह इलाका दुर्घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील बन चुका है। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि बरसात या तेज हवा के समय ये ढीले तार गिर सकते हैं और लोगों को करंट लगने या फिसलने जैसे हादसे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि यह पायलट प्रोजैक्ट सफल रहता है तो इसी मॉडल को पूरे शहर में लागू किया जाएगा।