मोहाली : आय से अधिक संपत्ति के आरोपों में घिरे अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की कानूनी परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मंगलवार को अदालत से राहत की उनकी उम्मीदों को एक और झटका लगा, जब उनकी जमानत याचिका पर फैसला एक बार फिर टाल दिया गया।
न जमानत, न बैरक बदलने पर सुनवाई
मजीठिया के लिए यह दिन दोहरी निराशा लेकर आया। अदालत ने न केवल उनकी जमानत याचिका पर तत्काल कोई फैसला सुनाया, बल्कि जेल की बैरक बदलने के उनके अनुरोध पर भी सुनवाई को 21 अगस्त तक के लिए आगे बढ़ा दिया। अब जमानत के मामले पर अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी, जिससे यह साफ हो गया है कि फिलहाल उन्हें जेल में ही रहना होगा। इससे पहले सोमवार को वकीलों के बीच चली घंटों की तीखी बहस के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन आज भी मजीठिया के हाथ खाली ही रहे।
ड्रग्स-विरोधी अभियान में हुई थी गिरफ्तारी
गौरतलब है कि पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने 25 जून को एक बड़े 'एंटी-ड्रग्स ऑपरेशन' के तहत मजीठिया को उनके अमृतसर स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई पूरे पंजाब में 25 ठिकानों पर की गई छापेमारी का हिस्सा थी, जिनमें से 9 ठिकाने सीधे तौर पर मजीठिया से जुड़े थे। अपनी गिरफ्तारी के बाद, मजीठिया ने इसे उनकी आवाज को दबाने के लिए एक "राजनीतिक साजिश" करार दिया था।