भारतीय डाक एवं दूरसंचार लेखा एवं वित्त सेवा (आईपीएंडटीएएफएस) के 1992 बैच के अधिकारी ज्ञानेश्वर कुमार सिंह ने बुधवार को भारतीय कॉरपोरेट मामलों के संस्थान (आईआईसीए) के नए महानिदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण किया है। आईआईसीए, भारत सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत एक थिंक टैंक है। ज्ञानेश्वर कुमार सिंह अपने तीन दशकों से अधिक के शानदार करियर के साथ वित्त, कॉर्पोरेट कानून, दिवालियापन, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व, ईएसजी रिपोर्टिंग, सार्वजनिक नीति, ई-गवर्नेंस और क्षमता निर्माण में व्यापक अनुभव लेकर आए हैं।
ज्ञानेश्वर कुमार सिंह के पास जेएनयू (समाजशास्त्र में एमए और एम.फिल), एफएमएस दिल्ली (वित्त में एमबीए) और दिल्ली विश्वविद्यालय (एलएलबी और इतिहास में बीए ऑनर्स) सहित प्रतिष्ठित संस्थानों से शैक्षिक डिग्रियां हैं। यूएनडीपी अफगानिस्तान के क्षमता विकास सलाहकार के रूप में उनका अंतरराष्ट्रीय कार्यकाल उनके प्रोफाइल में वैश्विक आयाम जोड़ता है।
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के अनुसार, इससे पहले उन्होंने कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव, निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) के सीईओ और भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) के शासी निकाय के सदस्य सहित विभिन्न प्रमुख भूमिकाओं में कार्य किया है। वह 2019-2021 तक भारतीय कंपनी सचिव संस्थान और भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान की केंद्रीय परिषद के लिए सरकार द्वारा नामित भी थे।
उल्लेखनीय है कि उन्होंने 2017-18 के दौरान आईआईसीए के महानिदेशक और सीईओ का पद भी संभाला था, जब उन्होंने संस्थान में उल्लेखनीय बदलाव किया और इसे वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाया।
वह 2018 से 2021 तक दिवाला कानून समिति (आईएलसी) के सदस्य सचिव थे। उन्होंने दिवाला और दिवालियापन संहिता के कार्यान्वयन और उसके बाद के संशोधनों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें प्रीपैकेज्ड दिवाला समाधान पर संशोधन अधिनियम भी शामिल है, जिसने संहिता को अर्थव्यवस्था की जरूरतों के प्रति अधिक संवेदनशील बना दिया।
उन्होंने कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में एनसीएलटी, एनसीएलएटी, आईईपीएफए और आईबीबीआई जैसी कई नई संस्थाओं की स्थापना और सुदृढ़ीकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ज्ञानेश्वर कुमार सिंह के पास कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) में प्रमुख दक्षता है और उन्होंने राष्ट्रीय सीएसआर पुरस्कार योजना शुरू करने में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।