तमिलनाडु के करूर में शनिवार को एक्टर थलपति विजय की रैली के दौरान हुई भगदड़ में मृतकों की संख्या 41 तक पहुँच गई है। इस हादसे में अब तक 60 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से कम से कम दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह घटना हाल के वर्षों में राज्य की सबसे बड़ी राजनीतिक त्रासदियों में से एक मानी जा रही है।
बिजली कटौती को लेकर विवाद
इस हादसे के बाद बिजली कटौती को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। रैली के दौरान पीड़ितों और थलपति विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) का आरोप है कि शनिवार शाम 7 से 7:30 बजे के बीच विजय के कार्यक्रम में करीब आधे घंटे तक बिजली चली गई, जिससे अफरातफरी मच गई और भगदड़ की स्थिति बनी।
सरकार ने लगाए गए आरोपों को खारिज किया
तमिलनाडु सरकार ने बिजली कटौती के आरोपों को खारिज कर दिया है। राज्य की फैक्ट-चेक टीम ने बताया कि रैली के दौरान कोई बिजली कटौती नहीं हुई। हालांकि, पार्टी द्वारा लगाए गए जेनरेटर में थोड़ी समस्या के कारण लाइट कुछ समय के लिए मंद हुई थी। सरकार ने कहा कि भीड़ को खतरनाक जगहों से हटाने के लिए थोड़े समय के लिए कुछ लाइट कम की गई थी, लेकिन विजय के कार्यक्रम के दौरान कोई कटौती नहीं की गई।
राजनीतिक आरोप और जांच की मांग
हादसे के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। TVK ने इस घटना को साजिश करार देते हुए CBI जांच की मांग की है। वहीं, बीजेपी ने डीएमके सरकार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है।
इस बीच थलपति विजय के करीबी सहयोगियों पर मामला दर्ज किया गया है, और पार्टी ने मद्रास हाई कोर्ट में स्वतंत्र जांच की याचिका भी दायर की है।
न्यायिक आयोग ने शुरू की जांच
तमिलनाडु सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया है। आयोग ने पीड़ित परिवारों से बातचीत शुरू कर दी है और अस्पताल का दौरा भी किया है।