श्रीनगर। ईरान में युद्ध प्रभावित हालात के बीच निकाले गए जम्मू-कश्मीर के सभी 94 छात्र सुरक्षित रूप से कश्मीर लौट आये हैं। जम्मू और कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (जेकेएसए) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कुल 110 भारतीय छात्रों का पहला जत्था बुधवार देर रात दिल्ली पहुंचा जिसमें प्रदेश के 94 छात्र शामिल थे। ये सभी छात्र उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे थे और उन्हें आर्मेनिया और दोहा के रास्ते निकाला गया। जेकेएसए के अनुसार, कुछ छात्र गुरुवार को ही कश्मीर पहुंच गये थे, जबकि बाकी छात्र जो दिल्ली से डीलक्स बसों में रवाना हुए थे वे आज सुबह घाटी पहुंच गए। एसोसिएशन ने कहा कि हम विदेश मंत्रालय और उन सभी का आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने छात्रों की सुरक्षित और समय पर वापसी सुनिश्चित की। यह उनके परिजनों के लिए बहुत बड़ी राहत है।
छात्रों ने भी केंद्र सरकार को सुरक्षित निकासी, नि:शुल्क ठहरने और यात्रा सुविधाओं के लिए धन्यवाद दिया, लेकिन उन्होंने यह शिकायत भी की थी कि दिल्ली से श्रीनगर तक जाने में जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे। ईरान से लौटी चौथे वर्ष की मेडिकल छात्रा सबा रसूल ने श्रीनगर में कहा कि ईरान से चार दिन की लंबी यात्रा के बाद हम बेहद थक चुके थे। जब दिल्ली में बसें देखीं तो बहुत निराशा हुयी। कुछ छात्रों ने खुद अपनी फ्लाइट की टिकट बुक की। छात्रों की शिकायत के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हस्तक्षेप किया और दिल्ली से श्रीनगर तक डीलक्स बसों की व्यवस्था करवाई। उल्लेखनीय है कि पिछले दो दशकों में ईरान के विश्वविद्यालय कश्मीरी छात्रों के लिए लोकप्रिय विकल्प बन गए हैं क्योंकि वहां की पढ़ाई अपेक्षाकृत सस्ती है। वर्तमान में ईरान में चार हजार से अधिक भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से लगभग आधे जम्मू-कश्मीर से हैं और अधिकांश मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं।