शिमला: हिमाचल के गठन के 75 साल में पहली सबसे बड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने तीन बड़े अफसरों को उनके पदों से हटा दिया है । अब तक की यह सबसे कठोर कार्रवाई है । सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ओंकार शर्मा, डीजीपी डॉ अतुल वर्मा और एसपी शिमला संजय गांधी को जबरन छुट्टी भेज दिया है। इनमें से डीजीपी और एसपी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए हैं। इस नोटिस में पूछा गया है कि क्यों न आपके खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई की जाए? अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ओंकार शर्मा को कोई नोटिस नहीं है, लेकिन इनका सारा कार्यभार वापस ले लिए गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव कमलेश कुमार पंत होम, विजिलेंस और राजस्व विभाग के साथ पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष का पदभार देखेंगे।
कदम संदीप वसंत को जल शक्ति विभाग और राखिल काहलों को ट्राईबल डेवलपमेंट विभाग दिया गया है। डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी अशोक तिवारी को दिया गया है। एसपी शिमला का अतिरिक्त कार्यभार सोलन के एसपी गौरव सिंह देखेंगे।
विमल नेगी केस में जिस तरह वरिष्ठ अधिकारियों ने आपसी खींचतान में राज्य सरकार की फजीहत कार्रवाई उससे मुख्यमंत्री गुस्से में थे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पहले सोमवार को दिल्ली से लौटते ही अफसरों की कोर टीम के साथ चर्चा की। मंगलवार को फिर से एक बैठक हुई। उसके बाद यह कार्रवाई करने की रणनीति बनी। विमल नेगी केस में डीजीपी ने बंद लिफाफे में हाईकोर्ट में रिपोर्ट दी थी, जो शिमला पुलिस द्वारा की जा रही जांच के पूर्णतया खिलाफ थी। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने हाई कोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट महाधिवक्ता से समीक्षा करवाए बिना दायर कर दी, जबकि एसपी शिमला की रिपोर्ट इससे अलग थी। इन्हीं तथ्यों के आधार पर राज्य सरकार की फजीहत हुई और केस सीबीआई को हाईकोर्ट ने दे दिया। इसी आधार पर सरकार ने इसे अनुशासनहीनता का मामला बनाया है।
अनुशासनहीनता सहन नहीं
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सोमवार की प्रेस कान्फ्रेंस में ही साफ संकेत मिल गए थे कि सरकार तीनों अफसरों पर कड़ी कार्रवाई करने जा रही है। सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि प्रदेश में अफसरशाही में अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अभी जो नोटिस इन्हें दिए गए हैं, अगर उनके उत्तर संतोषजनक नहीं मिले, तो और भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
डीजीपी और एसपी पर बनाई जांच कमेटी
हिमाचल पुलिस के डीजीपी डाक्टर अतुल वर्मा और एसपी शिमला संजीव गांधी के कंडक्ट की जांच करने के लिए राज्य सरकार ने दो सदस्यीय कमेटी बनाई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी नजीम और प्रधान सचिव लॉ को कमेटी में लिया गया है। इन दोनों अधिकारियों की ओर से आने वाले कारण बताओ नोटिस के जवाब की समीक्षा भी यह कमेटी करेगी।