नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सत्ता के जोश में पहले परंपराओं को बंद करते रहे, लेकिन जब छवि के धूमिल होने के संकट से घिरे तो फिर सांसद प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजने का सिलसिला शुरु कर दिया है। कांग्रेस ने कहा की विदेश में गहरे संपर्क स्थापित करने के लिए 1950 में ही सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को विदेश भेजने का सिलसिला शुरू हो गया था, लेकिन पीएम मोदी ने सत्ता में आने के बाद जोश दिखाते हुए इस क्रम को बंद किया और अब हताशा में इस क्रम को फिर से शुरू करते हुए सांसदों को विदेश भेज रहे हैं।
पार्टी के संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने बुधवार को यहां जारी एक बयान में कहा, “वर्ष 1950 के दशक से, विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों को हर साल अक्टूबर और नवंबर में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में प्रतिनिधिमंडल के रूप में भेजा जाता था। पीएम मोदी ने 2014 से इस परंपरा को बंद कर दिया, लेकिन अब जब वे हताश हैं और उनकी छवि वैश्विक स्तर पर धूमिल हो गई है, तो उन्हें अचानक सर्वदलीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडलों के बारे में सोचना पड़ा और सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को विदेश भेजने का सिलसिला शुरू कर विदेशों से संवाद की पहल की है।”