केंद्र सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) में अपनी हिस्सेदारी घटाने की तैयारी में है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, विनिवेश के पहले चरण में सरकार 2.5% से 3% हिस्सेदारी बेच सकती है। इसके लिए मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) और आईडीबीआई कैपिटल (IDBI Capital) को बैंकर नियुक्त किए जाने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार अगले दो हफ्तों में रोड शो शुरू कर सकती है, जिसके बाद हिस्सेदारी और ऑफर फॉर सेल (OFS) की कीमत तय होगी। फिलहाल सरकार के पास एलआईसी में 96.5% हिस्सेदारी है और सेबी (SEBI) ने कंपनी को 16 मई 2027 तक पब्लिक शेयरहोल्डिंग 3.5% से बढ़ाकर 10% करने का निर्देश दिया है।
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र का विनिवेश लक्ष्य 47,000 करोड़ रुपए है और एलआईसी में हिस्सेदारी बिक्री से सरकार को पहले चरण में 14,000 से 17,000 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है।
बाजार में बुधवार को तेजी के बावजूद एलआईसी का शेयर दबाव में रहा। यह 916 रुपए पर खुला और 920 रुपए तक गया लेकिन 3.24% गिरकर 886.85 रुपये पर बंद हुआ। इससे कंपनी का मार्केट कैप घटकर 5.59 लाख करोड़ रुपए रह गया। इससे पहले मई 2022 में एलआईसी के आईपीओ के जरिए सरकार ने 2.5% हिस्सेदारी बेचकर 20,557 करोड़ रुपए जुटाए थे।