देशभर के स्कूली बच्चों में बढ़ते मोटापे और अस्वस्थ खानपान की आदतों को देखते हुए, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक और अहम कदम उठाया है।
‘शुगर बोर्ड’ के बाद अब बोर्ड ने ‘ऑयल बोर्ड’ पहल शुरू करने की सिफारिश की है, ताकि छात्रों को अत्यधिक तेल और वसा के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति जागरूक किया जा सके।
क्या है CBSE की ‘ऑयल बोर्ड’ पहल?
CBSE ने देशभर के स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे अपने कैंपस में — जैसे कि कैफेटेरिया, लॉबी, मीटिंग रूम आदि — ऐसे बोर्ड या पोस्टर लगाएं जो यह बताएं कि अत्यधिक फैट वाले फूड आइटम सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं। इस अभियान का लक्ष्य है कि बच्चों में कम उम्र से ही हेल्दी ईटिंग हैबिट्स को विकसित किया जाए।
मोटापा बढ़ा, CBSE ने NFHS और लैंसेट रिपोर्ट का दिया हवाला
CBSE ने इस पहल की ज़रूरत को राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) और The Lancet के अध्ययन से जोड़ा है, जिसमें भारत में बच्चों और किशोरों में मोटापे के बढ़ते मामलों पर गंभीर चिंता जताई गई है। बोर्ड का कहना है कि अस्वास्थ्यकर खानपान, कम फिजिकल एक्टिविटी और जंक फूड की लत इस ट्रेंड की मुख्य वजह हैं।
स्कूलों को दिए गए ये निर्देश:
1. दृश्य संकेतक लगाएं : स्कूलों के प्रमुख स्थानों पर 'ऑयल बोर्ड' या पोस्टर लगाएं, जो अस्वास्थ्यकर वसा के दुष्प्रभाव को दर्शाएं।
2. स्टेशनरी में जोड़ें हेल्थ मैसेज : लेटरहेड, नोटपैड, फोल्डर जैसे स्कूल मटेरियल में छोटे-छोटे स्वास्थ्यवर्धक संदेश जोड़े जाएं।
3. कैंटीन में हेल्दी फूड : कैंटीन में कम फैट वाले और पोषणयुक्त विकल्प उपलब्ध कराए जाएं।
4. बच्चों को प्रेरित करें एक्टिव रहने के लिए : जैसे: सीढ़ियों का इस्तेमाल करना, सुबह की वॉक, खेलकूद आदि।
छात्रों की भूमिका को भी बताया गया अहम
CBSE का मानना है कि इस अभियान की सफलता के लिए छात्रों की सक्रिय भागीदारी ज़रूरी है। इसीलिए स्कूलों से कहा गया है कि वे कक्षा परियोजनाओं के ज़रिए छात्रों को ऑयल बोर्ड डिज़ाइन करने और अस्वास्थ्यकर वसा पर रिसर्च करने के लिए प्रोत्साहित करें।
FSSAI से मिलेंगी डिजिटल हेल्प और रिसोर्सेस
इस मुहिम में स्कूलों को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से भी सहयोग मिलेगा। FSSAI की वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध होंगे:
1. जागरूकता वीडियो
2. पोस्टर
3. डिजिटल कंटेंट