शिरमोणि अकाली दल के सीनियर नेता बिक्रम मजीठिया को लेकर हाईकोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अमृतसर में बिक्रम मजीठिया के खिलाफ दर्ज FIR पर सुनवाई दौरान बड़ी राहत दी है। सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दिया है कि जब भी बिक्रम मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, उन्हें 7 दिन पहले नोटिस जारी किया जाएगा। इसके साथ ही मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका का निपटारा हो गया है। गौरतलब है कि बिक्रम मजीठिया ने अमृतसर में दर्ज FIR के खिलाफ अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।
सोमवार को मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उनके वकील दमनबीर सिंह सोबती ने दलील दी कि 31 जुलाई को दर्ज FIR पूरी तरह से निराधार है। मजीठिया पर विजिलेंस और पुलिस के काम में दखल देने का आरोप लगा है, जबकि घटना के वीडियो में साफ दिख रहा है कि वह बस अपनी कुर्सी पर बैठकर बातें कर रहे थे। सरकार जानबूझकर उन्हें निशाना बना रही है। अगर आय से अधिक संपत्ति के मामले में हाईकोर्ट से ज़मानत मिल जाती है, तो सरकार उन्हें इस नए मामले में गिरफ़्तार करना चाहती है।
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? सरकार ने कहा कि शिकायत 26 जून को मिली थी और जांच के कारण FIR में देरी हुई। अब हाईकोर्ट को हलफनामे के जरिए भरोसा दिलाया गया है कि जो भी कार्रवाई होगी, उससे पहले मजीठिया को 7 दिन का नोटिस जरूर दिया जाएगा।