भारतीय रेलवे की लोकोमोटिव निर्माण इकाइयों ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान विभिन्न श्रेणियों में 1,681 लोकोमोटिव का उत्पादन करके एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। यह पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्पादित 1,472 लोकोमोटिव की तुलना में 209 लोकोमोटिव या 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। आधिकारिक बयान के अनुसार, देश में हर दिन 4 से ज़्यादा नए लोकोमोटिव बन रहे हैं।
रेल मंत्रालय के इस वर्ष के अप्रैल माह में जारी एक बयान मुताबिक, भारत रेलवे लोकोमोटिव निर्माण में ग्लोबल लीडर के रूप में सामने आया है, जिसने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1,681 लोकोमोटिव का रिकॉर्ड उत्पादन किया है। यह रिकॉर्ड-तोड़ उत्पादन देश में लोकोमोटिव निर्माण के लिए अब तक का सबसे अधिक उत्पादन है, जो रेलवे के बुनियादी ढांचे और क्षमता को बढ़ाने में सभी इकाइयों की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को दर्शाता है।
यह उपलब्धि संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप, दक्षिणी अमेरिका, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसे क्षेत्रों के कुल लोकोमोटिव उत्पादन को पार कर गई है, जो वैश्विक रेलवे क्षेत्र में भारत के बढ़ते प्रभुत्व की पुष्टि करता है।
मंत्रालय ने बताया कि लोकोमोटिव उत्पादन में निरंतर वृद्धि “मेक इन इंडिया” पहल को मजबूत करने के लिए लिए गए रणनीतिक निर्णयों का प्रत्यक्ष परिणाम है। वर्ष 2004 से 2014 के बीच भारत ने कुल 4,695 लोकोमोटिव का उत्पादन किया, जबकि राष्ट्रीय वार्षिक औसत 470 रहा। इसके विपरीत, 2014 से 2024 तक, लोकोमोटिव निर्माण में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिसमें 9,168 लोकोमोटिव का उत्पादन हुआ, जिससे वार्षिक औसत लगभग 917 हो गया।
आपको बता दें, वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारतीय रेलवे ने अपनी विनिर्माण इकाइयों में 1,681 इंजनों का रिकॉर्ड उत्पादन हासिल किया। उत्पादन इस प्रकार वितरित किया गया-चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स ने 700 इंजनों का निर्माण किया, बनारस लोकोमोटिव वर्क्स ने 477 इंजनों का उत्पादन किया, पटियाला लोकोमोटिव वर्क्स ने 304 इंजनों का योगदान दिया और मधेपुरा और मढ़ौरा इकाइयों में 100-100 इंजनों का निर्माण किया गया।
और भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने बताया, यह हर दिन भारत में हो रहा है-
हर दिन बन रहे हैं 4 से ज्यादा नए लोकोमोटिव
हर दिन बन रहे हैं 15 से ज्यादा नए ट्रेन कोच
हर हफ्ते जुड़ रहे हैं 98 किमी नए रेलवे ट्रैक