भारत में दोपहिया वाहनों की बिक्री आने वाले वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में 8 से 9 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है, जिससे यह बिक्री प्री-कोविड स्तरों को पार कर सकती है। यह जानकारी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी केयरएज रेटिंग्स की एक ताजा रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, महंगाई में कमी, इनकम टैक्स में छूट की सीमा को 12 लाख रुपए तक करना, रेपो रेट में 1 प्रतिशत की कटौती और अच्छे मानसून जैसे कई कारक उपभोक्ताओं के सेंटीमेंट को मजबूत कर रहे हैं, जिससे दोपहिया वाहनों की मांग में तेजी आ सकती है।
केयरएज रेटिंग्स के सहायक निदेशक मधुसूदन गोस्वामी ने बताया कि FY26 में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 8-9 प्रतिशत की वॉल्यूम ग्रोथ हो सकती है। यह वृद्धि निर्यात में 12-14 प्रतिशत और घरेलू बिक्री में 6-8 प्रतिशत की स्थिर वृद्धि के कारण संभव हो सकती है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पिछले तीन वर्षों से दोपहिया वाहन इंडस्ट्री में लगातार ग्रोथ देखी जा रही है-वित्त वर्ष 2022-23 में 8 प्रतिशत, 2023-24 में 10 प्रतिशत और 2024-25 में यह ग्रोथ 11 प्रतिशत रही। FY25 में वॉल्यूम ग्रोथ का बड़ा कारण 21 प्रतिशत की निर्यात ग्रोथ और घरेलू स्तर पर 9 प्रतिशत की बिक्री में बढ़त था।
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों का योगदान भी उल्लेखनीय रहा। FY25 में ग्रामीण इलाकों में कुल खुदरा पंजीकरण का हिस्सा 58.30 प्रतिशत रहा, जो FY24 के 57.9 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है। वहीं, FY25 में कुल थोक बिक्री 23.81 मिलियन यूनिट्स रही। इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि उपभोक्ताओं की पसंद अब स्कूटर और एक्जीक्यूटिव मोटरसाइकिलों की ओर बढ़ रही है, जो बदलते बाजार ट्रेंड और मांग पैटर्न का संकेत है।