यमुनानगर : उत्तर भारत के सबसे बड़ा और प्रसिद्ध मेला कपालमोचन का आज यमुनानगर के डीसी पार्थ गुप्ता ने पूजा अर्चना कर विधिवत रूप से शुरुआत कर दी है। यह मेला 1 नवंबर से 5 नवंबर तक चलेगा, जिसमें 10 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। डीसी पार्थ गुप्ता ने बताया कि बताया कि मेले को इस बार 4 जोन में बांटा गया है सुरक्षा की दृष्टि से जगह-जगह कैमरे भी लगे जाएंगे। श्रद्धालुओं को आने जाने में किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए रोडवेज की बसों का भी इंतजाम किया गया है।
डीसी पथ गुप्ता ने बताया कि पंजाब में आई त्रासदी का कपाल मोचन मेल पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जिस तरह से पंजाब के श्रद्धालु कपाल मोचन मेले में आते हैं इस बार इस तादाद में मेले में पंजाब के श्रद्धालु शिरकत करेंगे।
कपाल मोचन मेले का इतिहास
कपाल मोचन मेले का इतिहास बहुत ही पुराना और रोचक है। कपाल मोचन का संबंध पांडव और कौरवों से है। गुरु गोविंद सिंह के साथ भी कपाल मोचन का पुराना इतिहास है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह की माता हर साल कपालमोचन मेले में श्रद्धालुओं की डूबकी लगाने के लिए आती है। इस मेले की तैयारी एक महीने पहले से शुरू हो जाती है।