सुनाम (रमेश गर्ग) : ग्रामीण एवं खेत मज़दूर संगठनों के संयुक्त मज़दूर मोर्चा, संगरूर ज़िले ने आम आदमी सरकार के ख़िलाफ़ धरना दिया और ज़ोरदार नारेबाज़ी करते हुए कड़ा रोष व्यक्त किया। संयुक्त मज़दूर मोर्चा के नेताओं ने घोषणा की कि स्थायी रोज़गार गारंटी, चुनावी वादों के अनुसार महिलाओं को 1,000 रुपये प्रति माह देना, पेंशन की राशि बढ़ाना, पंचायती ज़मीन का एक-तिहाई हिस्सा भूमिहीन मज़दूरों को सस्ते दामों पर पट्टे पर देना, बेघर और ज़रूरतमंदों को प्लॉट देना, भूमि परिसीमन अधिनियम के तहत अतिरिक्त ज़मीन भूमिहीन मज़दूरों और किसानों को बाँटना, कर्ज़ माफ़ी, संगठित होने और संघर्ष करने के अधिकार की बहाली और लैंड पूलिंग नीति को रद्द करना जैसी माँगें पूरी होने तक संघर्ष जारी रहेगा।
मज़दूर नेताओं ने आरोप लगाया कि भगवंत मान सरकार मज़दूरों की जायज़ और उचित माँगों को लागू करने के बजाय लगातार मज़दूर विरोधी नीतियाँ लागू कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जहाँ श्रम संहिता बनाकर मज़दूरों के अधिकारों पर डाका डाला, वहीं मज़दूरों के काम के घंटे बढ़ाकर मज़दूरों के साथ विश्वासघात भी किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आप सरकार संघर्षरत मज़दूरों और किसानों पर पुलिसिया दमन तेज़ करके लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है। आज के विरोध प्रदर्शन में मजदूर मुक्ति मोर्चा पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष कामरेड गोबिंद सिंह छाजली, पंजाब खेत मजदूर यूनियन के जोरा सिंह नसराली, गोपीगिर कलरभैनी, क्रांतिकारी पेंडू मजदूर यूनियन पंजाब के राज्य सचिव लखवीर सिंह लोंगोवाल, राज्य नेता बलविंदर सिंह जालूर, कुल हिंद खेत मजदूर यूनियन के भूप चंद चन्नो, जोगिंदर सिंह बधान, बलविंदर सिंह घरागना, भूमि अधिग्रहण संघर्ष समिति के धरवीर सिंह खेत शामिल थे। सभा को मजदूर सभा पंजाब के नेता नरंजन सिंह चनागरा, ग्रामीण मजदूर सभा के निर्मल सिंह घराचों ने संबोधित किया।
इसके अलावा भाईचारा संगठनों के नेता बलजीत सिंह नामोल, जसवीर कौर नट, घमंड सिंह उगराहां ने सभा को संबोधित किया।