प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्टेशन से वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और मुख्यमंत्री योगी भी मौजूद रहे। पीएम के हरी झंडी दिखाते ही यात्रियों ने हर- हर महादेव के जयकारे लगाए। उनके स्वागत में काशीवासियों के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुष्पवर्षा की। प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार की शाम दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र काशी पहुंचे।पीएम मोदी ट्रेन में यात्रा करने वाले स्कूली बच्चों से संवाद भी करेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि आज जिस तरह से देश ने विकसित भारत के लिए अपने साधनों को श्रेष्ठ बनाने का अभियान शुरू किया है, ये ट्रेनें उसमें एक मील का पत्थर बनने जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आज वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत जैसी ट्रेनें भारतीय रेलवे की अगली पीढ़ी की नींव तैयार कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये भारतीय रेलवे को ट्रांसफॉर्म करने का एक पूरा अभियान है। वंदे भारत भारतीयों की, भारतीयों द्वारा, भारतीयों के लिए बनाई गई ट्रेन है, जिस पर हर भारतीय को गर्व है।
काशी से खजुराहो वंदे भारत के अलावा, फिरोजपुर-दिल्ली वंदे भारत, लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत और एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन चार नई वंदे भारत ट्रेनों के साथ ही अब देश में 160 से ज्यादा नई वंदे भारत ट्रेनों का संचालन होने लगा है। दुनिया भर के विकसित देशों में आर्थिक विकास का बहुत बड़ा कारण वहां का इंफ्रास्ट्रक्चर रहा है। जिन भी देशों में बड़ी प्रगति, बड़ा विकास हुआ है, उनके आगे बढ़ने के पीछे बहुत बड़ी शक्ति वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की है। आज भारत भी बहुत तेज गति से इसी रास्ते पर चल रहा है। इसी कड़ी में आज देश के अलग-अलग हिस्सों में नई वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत हो रही है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे भारत में सदियों से तीर्थ यात्राओं को देश की चेतना का माध्यम कहा गया है। ये यात्राएं केवल देवदर्शन का मार्ग नहीं हैं, बल्कि भारत की आत्मा को जोड़ने वाली पवित्र परंपरा हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि प्रयागराज, अयोध्या, हरिद्वार, चित्रकूट, कुरुक्षेत्र जैसे अनगिनत तीर्थ क्षेत्र हमारी आध्यात्मिक धारा के केंद्र हैं। आज जब ये पावन धाम वंदे भारत के नेटवर्क से जुड़ रहे हैं, तो एक तरह से भारत की संस्कृति, आस्था और विकास को जोड़ने का भी काम हुआ है। ये भारत की सांस्कृतिक विरासत के शहरों को देश के विकास का प्रतीक बनाने की तरफ एक अहम कदम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है बनारस आना, बनारस में रहना और बनारस की सुविधाओं को जीना। सबके लिए खास अनुभव कराना हमारी सरकार का प्रयास है। (इनपुट-एजेंसी)