भारत और ब्रिटेन के बीच रिश्तों में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। दोनों देश आज एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) करने जा रहे हैं। इस समझौते से हर साल करीब 34 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (EU) से बाहर निकलने के बाद भारत के साथ यह अब तक का सबसे बड़ा और आर्थिक रूप से सबसे अहम समझौता है। इसके जरिए ब्रिटेन को भारत जैसे बड़े बाजार में ज्यादा अवसर मिलेंगे, वहीं भारत को भी ब्रिटिश बाजार में और मजबूत पकड़ बनाने का मौका मिलेगा।
सस्ते मिलेंगे ये प्रोडक्ट्स
इस समझौते पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके साथ ही दोनों नेता ‘यूके-भारत विजन 2035’ की भी घोषणा करेंगे, जिसका मकसद दोनों देशों को आने वाले दशक में तकनीक, निवेश और विकास के नए रास्तों पर साथ ले जाना है। ब्रिटेन की सरकार ने बताया कि इस समझौते से भारतीय बाजार में ब्रिटिश उत्पादों की पहुंच और आसान हो जाएगी। अभी तक कई ब्रिटिश प्रोडक्ट्स पर औसतन 15% का इम्पोर्ट ड्यूटी लगती थी, जो घटकर सिर्फ 3% रह जाएगी। यानी अब भारतीय ग्राहकों को ब्रिटेन से आने वाले कोल्ड ड्रिंक्स, कॉस्मेटिक्स, गाड़ियां और मेडिकल डिवाइसेज पहले से सस्ते मिलेंगे।
भारतीय सामानों पर टैक्स कम होगा
ब्रिटेन हर साल भारत से करीब 11 अरब पाउंड का सामान खरीदता है। अब इस समझौते के बाद भारतीय सामानों पर लगने वाला टैक्स भी कम होगा, जिससे भारत से ब्रिटेन को होने वाला निर्यात और बढ़ेगा। ब्रिटेन में भारतीय टेक्सटाइल, मसाले, दवाइयां और ऑटो पार्ट्स की डिमांड और तेज होगी। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा कि यह समझौता ब्रिटेन के लिए एक ‘बड़ी जीत’ है। इससे दोनों देशों के कारोबारी और निवेशक ज्यादा लाभ उठा सकेंगे और रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।
डील से फायदा
दोनों देशों के व्यापार में नई तेजी आएगी।
भारतीय उत्पाद ब्रिटेन में पहले से ज्यादा बिकेंगे।
ब्रिटेन के उत्पाद भारत में सस्ते दामों पर मिलेंगे।
नए रोजगार और निवेश के मौके तैयार होंगे।
दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होंगे।