भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 23 मई को समाप्त हफ्ते में 6.99 अरब डॉलर की बड़ी वृद्धि के साथ 692.72 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो अब तक का एक नया रिकॉर्ड स्तर है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार के मुख्य घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में 4.52 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे यह बढ़कर 586.17 अरब डॉलर हो गईं। वहीं, स्वर्ण भंडार में भी जोरदार वृद्धि देखी गई जो 2.37 अरब डॉलर बढ़कर 83.58 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
इसके अलावा स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDRs) में 81 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी के साथ यह 18.571 अरब डॉलर हो गया, जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत की आरक्षित स्थिति 30 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.401 अरब डॉलर हो गई। इसके विपरीत, 16 मई को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.89 अरब डॉलर घटकर 685.73 अरब डॉलर रह गया था। हालांकि इससे पहले 9 मई को समाप्त सप्ताह में यह 4.5 अरब डॉलर बढ़कर 690.62 अरब डॉलर हुआ था।
विदेशी मुद्रा भंडार में इस तरह की वृद्धि से भारतीय रुपये को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले स्थिरता मिलती है। यह रिजर्व बैंक को मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करने की बेहतर स्थिति में लाता है। मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार देश की आर्थिक नींव को दर्शाता है और वैश्विक अस्थिरता के समय में भारत की वित्तीय स्थिति को अधिक सुरक्षित बनाता है।
वहीं वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का बाह्य क्षेत्र भी सशक्त हुआ है। अप्रैल 2025 में वस्तुओं और सेवाओं के कुल निर्यात में 12.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह 73.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने यह 65.48 अरब डॉलर था। इसमें से वस्तु निर्यात 9.03 प्रतिशत बढ़कर 38.49 अरब डॉलर हो गया। विशेष रूप से उच्च मूल्य वाले इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात में तेज वृद्धि दर्ज की गई है, जो देश के विनिर्माण क्षेत्र की मजबूती को दर्शाता है।
इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात अप्रैल में 39.51 प्रतिशत बढ़कर 3.69 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 2.65 अरब डॉलर था। वहीं इंजीनियरिंग सामान का निर्यात भी 11.28 प्रतिशत बढ़कर 9.51 अरब डॉलर पहुंचा, जबकि पिछले वर्ष यह 8.55 अरब डॉलर था। आभूषण निर्यात 10.74 प्रतिशत बढ़कर 2.26 अरब डॉलर से 2.5 अरब डॉलर हो गया। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत की वैश्विक व्यापार में पकड़ मजबूत हो रही है और निर्यात क्षेत्र में निरंतर प्रगति हो रही है।