प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीधी अपील के बाद देशभर की ग्राम पंचायतों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (IDY) 2025 को लेकर अभूतपूर्व उत्साह देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने ग्राम प्रधानों को एक पत्र लिखकर उन्हें समुदाय स्तर पर योग को बढ़ावा देने और इसे जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया, जिससे यह आयोजन अब एक जनआंदोलन का रूप लेता दिख रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पत्र में लिखा, “योग ने न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से बदला है।” इस वर्ष योग दिवस की थीम “योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” रखी गई है, जो व्यक्ति, समाज और पर्यावरण की आपसी जुड़ाव और संतुलन को दर्शाती है। इस बार का आयोजन इसलिए भी विशेष है क्योंकि यह वैश्विक स्तर पर योग दिवस की 10वीं वर्षगांठ भी है।
प्रधानमंत्री के इस भावनात्मक संदेश के बाद गांवों में नियमित योग सत्र, स्कूलों और आंगनवाड़ियों में जागरूकता कार्यक्रम, और सार्वजनिक स्थलों पर कॉमन योगा प्रोटोकॉल का अभ्यास शुरू हो गया है। यह प्रयास योग को जन-जन तक पहुं सेचाने और IDY 2025 को एक वास्तविक ‘जन आंदोलन’ बनाने की दिशा में बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार में आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने प्रधानमंत्री के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री के भावपूर्ण आह्वान ने योग दिवस को जन आंदोलन बना दिया है। देश के गांवों में लोग अब योग को ग्रामीण जीवन का अभिन्न हिस्सा बना रहे हैं।”
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के परियार गांव के प्रधान ओम प्रकाश यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री के पत्र से प्रेरित होकर गांव में हर सप्ताह पंचायत भवन में योग सत्र शुरू किए गए हैं। बच्चों के लिए योग प्रतियोगिताएं भी कराई जा रही हैं और एक विशेष ‘योग यात्रा’ का आयोजन कर गांव में जागरूकता फैलाई गई है। मध्य प्रदेश के दमोह जिले के बंदकपुर गांव के ग्राम प्रधान सुनील कुमार डब्ल्यू ने इसे ग्रामीण भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने बताया कि गांव में बड़े पैमाने पर सामूहिक योग सत्र आयोजित किए जा रहे हैं और हर घर तक जागरूकता पहुंचाने के लिए प्रचार अभियान शुरू किया गया है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के खेरा कुरसी गांव की सरपंच पावनी मिश्रा ने बताया कि उनके गांव ने पहाड़ी इलाके में एक खुला योग स्थल विकसित किया है, जहां रोजाना योग सत्र होते हैं। महिलाओं के समूहों ने “स्वास्थ्य ही संपत्ति है” अभियान चलाया है, और बच्चों के लिए “योग से समृद्धि” विषय पर चित्रकला और निबंध प्रतियोगिताएं करवाई गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में ग्राम प्रधानों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि योग दिवस के आयोजन में बच्चे, युवा, महिलाएं और बुजुर्ग सभी शामिल हों। उन्होंने भरोसा जताया कि यह जमीनी स्तर की पहल योग को घर-घर तक पहुंचाएगी और IDY 2025 को एक गहराई से जुड़ा हुआ राष्ट्रीय उत्सव बना देगी।