जालंधर : पंजाब सरकार द्वारा आम जनता को सरल, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त भूमि पंजीकरण प्रणाली प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई ईजी रजिस्ट्रेशन योजना को राज्यभर में 15 जून से लागू किया जाएगा। यह योजना रैवेन्यू विभाग की कार्यप्रणाली में एक तकनीकी और प्रशासनिक क्रांति कहा जा रहा है, जिसके तहत लोगों को प्रापर्टी रजिस्ट्रेशन से जुड़ी सभी सेवाएं एक छत के नीचे और निर्धारित समय में प्रदान की जाएंगी।
इस योजना को कारगर बनाने के लिए पंजाब सरकार ने राज्य के 23 जिलों में विभिन्न कार्यों के लिए कुल 40 करोड़ रुपए के फंड जारी कर दिए हैं। यह राशि न केवल कांट्रैक्ट पर तैनात किए जाने वाले कर्मियों के वेतन, सिविल वर्क, हार्डवेयर व कम्प्यूटर उपकरणों की खरीद पर खर्च की जाएगी। इसके अलावा ईजी रजिस्ट्रेशन योजना के तहत कांट्रैक्ट पर वकील को 40000, पटवारी 35000 व डीडराईटर/डाटा एंट्री ऑपरेटर को मिलेगा 18000 रुपए मानदेय दिया जाएगा।
13.50 करोड़ रुपए से होगा सिविल वर्क
सरकार ने राज्य के 23 जिलों में जिला मुख्यालय, तहसील व सब-तहसील स्तर पर सिविल वर्क के लिए 13.50 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इस राशि का उपयोग कार्यालयों में सुव्यवस्थित बैठने की व्यवस्था, फर्नीचर, लाइटिंग, वेटिंग रूम, डिस्प्ले बोर्ड आदि सुविधाएं विकसित करने के लिए किया जाएगा। जिसको लेकर हरेक जिला हैडक्वार्टर को 15 लाख रुपए, तहसील हैडक्वार्टर को 10 लाख और हरेक सब-तहसील लेवल पर 6.50 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इस निवेश से रजिस्ट्री कार्यालयों का माहौल न केवल लोगों के लिए सुविधाजनक बनेगा, बल्कि कर्मचारियों के लिए भी अनुकूल कार्य वातावरण तैयार होगा।
हार्डवेयर व कम्प्यूटर उपकरणों के लिए 5 करोड़ रुपए का बजट
डिजिटल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को मजबूती देने के लिए राज्य सरकार ने 5 करोड़ रुपए के विशेष बजट से कम्प्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर, यू.पी.एस., इंटरनैट कनैक्टिविटी, सर्वर और नैटवर्किंग उपकरणों की खरीद की योजना बनाई है। इन फंडों का वितरण जिलों की तहसील संख्या के अनुसार किया जाएगा। जिस जिला में 4 से कम तहसील होगी वहां 14 लाख रुपए, 4 से अधिक लेकिन 8 से कम तहसीलों वाले जिलों को 21 लाख रुपए के अलावा 8 से अधिक तहसीलों वाले जिलों पर 28 लाख रुपए रुपए का खर्च निर्धारित किया गया है।