सिरसा (सतीश बंसल) : नाथूसरी कलां गांव में महिला डिजिटल लाइब्रेरी का शुभारंभ किया गया और कक्षा दसवीं एवं 12वीं में मेरिट में स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को ग्राम पंचायत द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अतिरिक्त उपायुक्त लक्षित सरीन द्बारा डिजिटल लाइब्रेरी का उद्घाटन किया गया और मेरिट प्राप्त करने वाली छात्राओं को सम्मानित किया गया व मेरिट प्राप्त करने वाली छात्राओं, अध्यापकों और अभिभावकों को शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा कि पुस्तकालयों के विकास और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने और पढऩे की संस्कृति को विकसित करने के उद्देश्य से पुस्तकालय की स्थापना की गई है। पुस्तकालयों का विकास समाज और संस्कृति के विकास से जुड़ा होता है। यह सभ्यताओं की उन्नति का पैमाना भी होता है। पुस्तकालयों को किसी देश या समाज की सामूहिक चेतना और प्रतिभा का प्रतीक माना गया है। पुस्तकालय सभ्यताओं के बीच सेतु का काम करते हैं। उन्होंने युवाओं से पुस्तकालय में मन लगाकर पढ़ाई करने का आह्वान किया। सरपंच रीटा जगतपाल कासनियां ने कहा कि महिला पुस्तकालय के निर्माण से महिलाओं और लड़कियों को पढ़ाई की सुविधा गांव में ही उपलब्ध हो पाएगी। उन्होंने कहा कि प्राचीन और मध्यकाल में कई देशों के लोग भारत से पुस्तकें ले जाते थे, उनका अनुवाद करते थे और ज्ञान अर्जित करते थे। ऐसे प्रयासों के पीछे यही विचार काम करता है कि पुस्तकें और पुस्तकालय मानवता की सांझी विरासत हैं। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय के निर्माण से गांव की लड़कियों को अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा उनका गांव में ही पूरी सुविधा मिलेगी और पढ़ाई करके अपना कैरियर बन सकती है। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे सतवीर सिंह ढिढारिया और पंचायती राज अभियंता गौरव भारद्वाज ने कहा कि एक छोटी-सी पुस्तक में विश्व-इतिहास की धारा को बदलने की क्षमता होती है। उन्होंने गांधीजी की आत्मकथा का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने जॉन रस्किन की किताब अनटू दिस लास्ट के उनके जीवन में हुए रचनात्मक परिवर्तन का उल्लेख किया है। विद्यालय प्रवक्ता दलबीर सिंह ने कहा कि पुस्तकों में जमीन की खुशबू होती है और आसमान का विस्तार होता है। आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण के लिए किए जाने वाले प्रयास बहुत महत्वपूर्ण हैं। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के प्रयोग से पुस्तकालयों का स्वरूप बदल रहा है। पहुंच सुगम हो गई है। उन्होंने कहा कि पुस्तकालयों को सामाजिक सम्मिलन, स्वाध्याय और चिंतन का केंद्र बनाया जाना चाहिए।
इस मौके पर समाजसेवी जगतपाल कासनियां हरपाल कासनियां, गौशाला कमेटी प्रधान संतलाल कासनिया, मास्टर विनोद कासनियां, भूपेश नंबरदार, ब्लॉक मेंबर पवन गहलोत, वेद प्रकाश नंबरदार, मास्टर बलराम, राजेश कड़वासरा, सुरजीत कड़वासरा, रघुवीर कड़वासरा, कालूराम भडिया, सुरेश शर्मा लेक्चरार, जयवीर कासनियां, कृष्णा कासनिया, पंचायत मेंबर सुनील, ज्योति, कविता, सुशील, प्रेम मेहता, राजीव, किरण, रुचि रानी, सुमन, संतोष, मनीष, बंसी, सुमन, सुलोचना, विद्यालय प्रवक्ता सोहन सिंह, संदीप कुमार झोरड़, सतवीर सिंह, देवीलाल भाटिया, लीलाधर बैनीवाल, रितु वर्मा, सुलक्षणा सिहाग साहित्य, ग्रामीण एवं गांव के युवा तथा छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।