डबवाली (सतीश बंसल)। पुलिस अधीक्षक निकिता खट्टर के नेतृत्व में डबवाली पुलिस द्वारा 'नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस 26 जून 2025’ (" जंजीरों को तोड़ना: सभी के लिए रोकथाम, उपचार और सुधार !" ) के उपलक्ष्य में 12 जून से 26 जून तक चलाए जा रहे ‘नशा मुक्त भारत पखवाड़ा’ के तहत लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक करने, नशा तस्करों को जेल भेजने व नशा पीड़ितों की पहचान कर उनको उचित इलाज उपलब्ध करवाने का कार्य प्रथम उद्देशनय के तौर पर जारी है । पुलिस अधीक्षक द्वारा स्वयं पिछले काफी समय से आमजन से सम्पर्क बनाकर उन्हें नशा मुक्त जीवन के लाभों से अवगत करवाया जा रहा है । इसी तरह साइबर अपराधों के बारे में जागरूक बनकर व वेबसाइटों व सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपनी निजी जानकारी शेयर न करके साइबर ठगो से बचकर पुलिस का सहयोग कर सकते हैं । इस अभियान में एक और कड़ी जोड़ते हुए पुलिस अधीक्षक निकिता खट्टर आईपीएस ने आज थाना औढ़ा क्षेत्र के सामुदायिक केंद्र गांव ख्योवाली में जीवन फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पहुंचकर युवाओं को नशे व साइबर अपराधों के खिलाफ जागरूक किया गया । मौजूद बच्चों व लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि डबवाली पुलिस के नशा मुक्त भारत पखवाड़ा मुहिम में आमजन के सहयोग की एक अहम भूमिका है । आमजन के सहयोग से ही नशा तस्करों को पकड़ा जा सकता है व उनके क्षेत्र में नशा पीड़ितों को दवाई दिलवाई जाएगी । इस अवसर पर उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय कपिल अहलावत, प्रभारी थाना औढ़ा नि. गजराज व अन्य पुलिस कर्मचारियों के जीवन फाउंडेशन के सदस्य किरण गोदारा, Ex बलजीत सिंह, भूपेंद्र गोदरा, सचिन जीवन फाउंडेशन, अक्षय गोदारा मौजूद रहै । इस अवसर पर बच्चों ने पुलिस अधीक्षक का स्वागत किया व अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन किया ।जिसकी पुलिस अधीक्षक ने प्रशंसा की व उन्हें प्रोत्साहित किया ।
पुलिस अधीक्षक निकिता खट्टर आईपीएस ने बच्चों व लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि डबवाली पुलिस के ‘नशा मुक्त भारत पखवाड़ा’ के तहत अपराध मुक्त समाज के उद्देश्य के साथ कार्य करते हुए नुक्कड़ सभाओं, शिक्षण संस्थानों में जागरूकता सेमिनार व खेल मैदानों में खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के माध्यम से युवाओं व आमजन के नशे व साइबर अपराधों के बारे में जागरूक कर रही है । जिसके लिए पुलिस की टीमें लगातार मेहनत कर रही है । वहीं नशा तस्करों की धरपकड़ में टीमें दिन रात मेहनत कर रही है, जिसमें भारी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद कर नशा तस्करों को जेल भेजा जा रहा है । जिसमें मेडिकल नशा बेचने वालों को रडार पर लेकर नशे में प्रयुक्त होने वाले गोलियां व कैप्सूलों को बरामद कर आरोपियों को खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है । साथ ही नशा पीड़ितों के लिए उम्मीद की किरण बनकर उनकी काउंसलिंग करवाकर उनका इलाज शुरु किया जा रहा है व समय समय पर उनकी देखभाल के लिए नियुक्त किए गए पुलिस कर्मचारियों के द्वारा उनका हालचाल भी जाना जा रहा हैं जिसके परिणाम स्वरूप कई लोगों ने हमेशा के लिए नशा छोड़ दिया है व अन्य लोगों के लिए प्रेरणा सत्रोत बने हुए हैं । नशे के दुष्परिणामों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि नशा के दुष्प्रभाव व्यक्ति, परिवार और समाज को प्रभावित करते हैं । नशीली दवाओं का सेवन स्वास्थ्य, व्यक्तित्व, शिक्षा, संबंध और आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डालता है । नशा एक समस्या है जिसका समाधान हेतु शिक्षा, उच्चतम स्तर की जागरूकता और सभी समुदाय की सहयोग की जरूरत होती है । नशे के दुष्प्रभाव से बचने के लिए हमें अपनी जिम्मेदारियों को समझना और स्वस्थ जीवन शैली अपनाना चाहिए । नशे के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए समाज को सहयोग करना चाहिए और नशीली दवाओं के विरुद्ध जागरूकता फैलानी चाहिए जिला पुलिस की आमजन से अपील है कि नशा से दूर रहें और आपके आसपास यदि कोई व्यक्ति नशा बेचने का काम करता है तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को देकर समाज को नशा मुक्त करने में पुलिस का सहयोग करें । पुलिस को सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी । जिला पुलिस सदैव आपकी सहायता के लिए तत्पर है ।
इसी तरह साइबर अपराधों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में हम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं लेकिन इस रफ्तार भरी जिंदगी में टेक्नोलोजी के सही और सुरक्षित उपयोग करने के बारे में जानकारी होना उतना ही आवश्यक है । आजकल बहुत कम लोग हैं जो इंटरनेट से अछूते हैं । बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी स्मार्टफोन का उपयोग करते हुए इंटरनेट से जुड़े हुए हैं । इंटरनेट से जुड़े होने के कारण सोशल मीडिया प्लेटफार्म व अन्य वेबसाइटों का उपयोग भी आम है । इसीलिए बिना जानकारी के इनका उपयोग साइबर ठगों के लिए सीधा निमंत्रण हैं । जिसके लिए डबवाली पुलिस द्वारा जागरूकता अभियानों के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी से बचने के उपाय भी बताए जा रहे है पुलिस अधीक्षक ने कहा कि साइबर जालसाजी से बचने का सबसे बेहतर तरीका है उसके बारे में जागरूक होना । लेकिन फिर भी अगर फ्रॉड हो जाये तो घबराने की बजाए नैशनल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें । साथ ही अपने नजदीकी थाना में जाकर साइबर हेल्प डेस्क पर अपनी शिकायत दर्ज कराएं । अगर साइबर हेल्पलाइन पर समय रहते शिकायत की जाए तो आम आदमी की मेहनत की कमाई बचाई जा सकती है । 1930 पर तुरंत शिकायत करने पर आपका पैसा सुरक्षित वापिस आ सकता है ।