ग्रामीण विकास मंत्रालय का भूमि संसाधन विभाग (DoLR)) आज सोमवार से देश के चार उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) में नक्शा (शहरी आवासों का राष्ट्रीय भू-स्थानिक ज्ञान-आधारित भूमि सर्वेक्षण) कार्यक्रम के तहत क्षमता निर्माण कार्यक्रम के चरण 2 का दूसरा बैच शुरू करने जा रहा है। कार्यक्रम के चरण 1 और चरण 2 में पहले बैच ने क्रमशः एनआईजीएसटी, हैदराबाद में 160 मास्टर प्रशिक्षकों (मई 2025 में पूरा) और पांच सीओई में 151 यूएलबी अधिकारियों (2 से 7 जून 2025 तक प्रशिक्षित) को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है।
यह जानकारी ग्रामीण विकास मंत्रालय ने रविवार को एक बयान जारी कर दी है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के इस बैच का उद्घाटन भूमि संसाधन विभाग के सचिव मनोज जोशी द्वारा सोमवार सुबह वर्चुअल माध्यम से किया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग 74 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) से 128 यूएलबी-स्तर और जिला अधिकारियों को नामित किया गया है।
इन अधिकारियों को निम्नलिखित चार सीओई में प्रभावी शहरी संपत्ति सर्वेक्षणों के लिए आधुनिक भू-स्थानिक तकनीकों का लाभ उठाने के लिए एक सप्ताह का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
1. यशवंतराव चव्हाण विकास प्रशासन अकादमी (वाईएएसएचएडीए), पुणे, महाराष्ट्र
2. पूर्वोत्तर क्षेत्र उत्कृष्टता केंद्र, गुवाहाटी, असम
3. महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान (एमजीएसआईपीए), चंडीगढ़, पंजाब
4. प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान (एटीआई), मैसूर, कर्नाटक
गौरतलब हो, देश की शहरी आबादी 2031 तक 600 करोड़ से अधिक होने की उम्मीद है, इसलिए आधुनिक, सत्यापन योग्य और आसानी से सुलभ भूमि अभिलेखों की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। नक्शा कार्यक्रम इस चुनौती का समाधान एक साहसिक, प्रौद्योगिकी-संचालित दृष्टिकोण से करता है।
नक्शा कार्यक्रम को भारत सरकार के भूमि संसाधन विभाग द्वारा भारतीय सर्वेक्षण विभाग, एनआईसीएसआई, एमपीएसईडीसी और पांच उत्कृष्टता केंद्रों के सहयोग से एक पायलट कार्यक्रम के रूप में लागू किया जा रहा है। नक्शा को 27 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के 157 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में लॉन्च किया गया है।