पशुपालन और डेयरी क्षेत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय दुग्ध दिवस आज 26 नवंबर को नई दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में आयोजित किया जाएगा। इस समारोह का आयोजन मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के तहत कार्यरत पशुपालन एवं डेयरी विभाग (DAHD) द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह मुख्य अतिथि होंगे। उनके साथ राज्य मंत्री प्रोफेसर एस. पी. सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य लोग भी मौजूद रहेंगे।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह देश के प्रतिष्ठित “नेशनल गोपाल रत्न अवॉर्ड’ 2025 प्रदान करेंगे। यह अवॉर्ड पशुपालन और डेयरी क्षेत्र का सबसे उच्च राष्ट्रीय सम्मान माना जाता है। पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाएंगे-देश के सर्वश्रेष्ठ दुग्ध उत्पादक (देशी नस्लों के पालनकर्ता), सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन और सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति,मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी,दुग्ध किसान संगठन (सभी नॉन-एनईआर श्रेणी)। इसके अलावा उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और हिमालयी राज्यों के विजेताओं को प्रत्येक श्रेणी में विशेष पुरस्कार भी दिया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान कई महत्वपूर्ण पहलें भी शुरू की जाएंगी, जिनका उद्देश्य पशुपालन और डेयरी क्षेत्र को अधिक सक्षम, आधुनिक और उत्पादक बनाना है। इसमें नस्ल वृद्धि फार्मों का शुभारंभ शामिल है, जिससे बेहतर गुणवत्ता वाले पशु-बीज (जर्मप्लाज्म) की उपलब्धता बढ़ेगी। इसके साथ ही भारत में पशु चिकित्सा ढांचे में न्यूनतम आवश्यकताओं के दिशानिर्देश भी जारी किए जाएंगे, जो पूरे देश में पशु चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने में मदद करेंगे। इसके अतिरिक्त “बेसिक एनिमल हसबेंड्री स्टैटिस्टिक्स 2025” (BAHS-2025) नामक महत्वपूर्ण प्रकाशन भी लॉन्च किया जाएगा।
BAHS-2025 देश का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसमें 1 मार्च 2024 से 28 फरवरी 2025 तक की अवधि के एकीकृत नमूना सर्वेक्षण के आधार पर पशुधन क्षेत्र से संबंधित विस्तृत आंकड़े शामिल हैं। इस रिपोर्ट में दूध, अंडा, मांस और ऊन जैसे प्रमुख पशु उत्पादों का राज्यवार उत्पादन, उपलब्धता और प्रति व्यक्ति उपलब्धता जैसी जानकारी शामिल है। इसके साथ ही दूध उत्पादन में शामिल पशुओं की संख्या, अंडे देने वाली मुर्गियों की संख्या, वध के लिए भेजे गए पशुओं का अनुमान, और ऊन उत्पादन में शामिल भेड़ों की संख्या जैसी जानकारी भी दी गई है। रिपोर्ट में देशभर के पशु चिकित्सालयों, पॉलिक्लिनिक, गौशालाओं, राज्य फार्मों की स्थिति, कृत्रिम गर्भाधान की संख्या और वैश्विक पशुधन परिदृश्य का उल्लेख भी शामिल है।