प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्रोएशिया की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान एक अनमोल उपहार मिला। क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच ने उन्हें एक विशेष ग्रंथ भेंट किया। यह ग्रंथ 1790 में छपा था और यह पहली बार लैटिन भाषा में लिखी गई संस्कृत व्याकरण की पुस्तक थी। इसे क्रोएशियाई वैज्ञानिक और मिशनरी फिलिप वेजडिन (Ivan Filip Vezdin) ने भारत में रहते हुए लिखा था। यह उपहार भारत और क्रोएशिया के बीच पुराने सांस्कृतिक रिश्तों का प्रतीक माना जा रहा है। प्रधानमंत्री प्लेंकोविच ने कहा कि यह किताब वेजडिन ने मलाबार (केरल) के ब्राह्मणों और स्थानीय पांडुलिपियों के अध्ययन के आधार पर तैयार की थी। वेजडिन 1774 में भारत आए थे और बाद में मलाबार तट पर वाइसर-जनरल बने। वे यूरोप के पहले वैज्ञानिकों में से एक थे जिन्होंने भारतीय भाषाओं और संस्कृति का गंभीर अध्ययन किया।
प्रधानमंत्री मोदी को क्रोएशियाई राजनयिक सिनीशा ग्रगिका द्वारा लिखित एक और पुस्तक भी भेंट की गई। इस पुस्तक का नाम है “Croatia and India: Bilateral Navigator for Diplomats and Business”। इसमें दोनों देशों के बीच संबंधों का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया है और भविष्य में सहयोग के नए रास्तों को उजागर किया गया है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को क्रोएशिया की राजधानी जाग्रेब पहुंचे। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली आधिकारिक यात्रा है। यह यात्रा साइप्रस और कनाडा (जहां G7 सम्मेलन हुआ) के बाद उनकी तीन देशों की यात्रा का अंतिम चरण है। फ्रांजो तुजमान एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री प्लेंकोविच ने मोदी का औपचारिक स्वागत किया। पीएम मोदी के स्वागत के लिए भारतीय समुदाय के सैकड़ों लोग सड़कों पर उमड़े। उनका काफिला जैसे ही शहर से गुज़रा, “मोदी-मोदी”, “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के नारों से वातावरण गूंज उठा। होटल पहुंचने पर भी उन्हें भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ स्वागत मिला। प्रधानमंत्री ने लोगों से बातचीत की और स्थानीय लोगों के साथ वैदिक श्लोकों का उच्चारण भी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जाग्रेब में भारतीय संस्कृति को बहुत सम्मान मिला है। भारतीय समुदाय ने क्रोएशिया की तरक्की में योगदान दिया है और अपनी जड़ों से जुड़े रहे हैं। उनसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई।” उन्होंने कहा कि इस यात्रा से दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे।
बाद में प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री प्लेंकोविच के बीच सेंट मार्क्स स्क्वायर में मुलाकात हुई। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय बातचीत हुई। प्रधानमंत्री प्लेंकोविच ने कहा कि यह यात्रा एक खास समय पर हो रही है और भारत-क्रोएशिया संबंधों में एक नया अध्याय शुरू कर रही है।विशेषज्ञों का मानना है कि इस ऐतिहासिक यात्रा से भारत और क्रोएशिया के राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही व्यापार, नवाचार, रक्षा, बंदरगाह, विज्ञान, तकनीक, संस्कृति और कामगार आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा। -