कतर; ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमरीकी हमलों के बाद बदले की धमकी को लेकर कतर स्थित अमरीकी दूतावास ने सोमवार को कतर में रह रहे अपने सभी नागरिकों को ‘घर में ही रहने’ की एडवाइजरी जारी की है। इसके कुछ ही समय बाद ब्रिटिश दूतावास ने भी अपने नागरिकों को ऐसी ही चेतावनी दी। दोनों देशों की ओर से कहा गया कि यह कदम सावधानी के तौर पर उठाया गया है, हालांकि किसी सीधे खतरे का जिक्र नहीं किया गया। ईरान के जवाबी हमले की आशंकाओं के बीच सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत और कतर जैसे खाड़ी के कुछ देश हाई अलर्ट हैं। सऊदी अरब के अलावा यूएई, कुवैत, बहरीन और कतर में अमरीका ने सैन्य ठिकाने बना रखे हैं, जिन पर ईरान कभी भी हमला कर सकता है।
ईरान ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर अमरीका ने उसके ऊपर हमला किया, तो वह खाड़ी देशों में मौजूद अमरीका के सैन्य ठिकानों को अपना निशाना बनाएगा। अमरीकी रक्षा सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स ने बताया कि ईरान, अमरीकी सैन्य ठिकानों पर किसी भी समय हमला कर सकता है। एक अधिकारी ने संभावना जताई कि यह हमला अगले एक-दो दिन में हो सकता है। यह चेतावनी उन अमरीकी हवाई हमलों के जवाब में है, जिनमें ईरान के नतांज, फोर्दो और इस्फहान में परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया था। बता दें कतर में स्थित अल उदैद एयरबेस मध्य-पूर्व में अमरीका का सबसे बड़ा सैन्य ठिकाना है। यहां करीब 10,000 अमरीकी सैनिक तैनात हैं। यह अमरीका की सेंट्रल कमांड का मुख्यालय भी है। यही वजह है कि कतर में विशेष चिंता जताई जा रही है।
सरकार सुरक्षा के लिए पूरी तरह सतर्क
वहीं कतर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल अंसारी ने एक बयान में कहा कि देश में स्थिति पूरी तरह से स्थिर है और अमरीकी दूतावास की चेतावनी का मतलब किसी विशिष्ट खतरे से नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार अपने नागरिकों और विदेशी निवासियों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सतर्क और तैयार है।
यहां भी हलचल
अमरीकी दूतावास की चेतावनी के बाद कतर स्थित अमेरिकी संस्थानों में भी हलचल मच गई। नॉर्थ वेस्टर्न यूनिवर्सिटी ने स्टाफ और छात्रों को घर भेजने की सलाह दी। वहीं, अमरीकन स्कूल ने गर्मियों की सभी कक्षाएं रद्द कर दीं और स्कूल को बंद कर दिया।