चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने डीएपी की किल्लत को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सोनीपत, झज्जर, फतेहाबाद, हिसार और रोहतक समेत कई दिनों में डीएपी की भारी किल्लत है। जबकि धान की रोपाई का सीजन शुरू हो चुका है। खाद के लिए किसान दर-दर भटक रहे हैं और हमेशा की तरह सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी है।
हुड्डा ने कहा कि हर फसली सीजन में किसानों को खाद की कमी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि भाजपा सरकार समय रहते कोई इंतजाम नहीं करती। इसके चलते किसानों को ब्लैक में महंगा खाद खरीदना पड़ता है, जिससे उनपर आर्थिक बोझ भी पड़ता है और समय पर खाद ना मिलने से उत्पादन भी प्रभावित होता है।
सोनीपत में डीएपी पूरी तरह खत्म हो चुकी है। क्योंकि इस सीजन में 1.10 लाख क्विंटल खाद की जरूरत है, लेकिन अभी तक सिर्फ 40 हज़ार क्विंटल डीएपी ही पहुंच पाई है। झज्जर में भी इसी तरह किल्लत बनी हुई है। एक सप्ताह पहले बमुश्किल 150 क्विंटल डीएपी की आपूर्ति हुई थी, लेकिन अब पीछे से खाद आनी बंद हो गई है। क्योंकि रेवाड़ी में भी खाद आपूर्ति बंद हो चुकी है।
रोहतक जिले में डीएपी की कुल खपत 1.70 लाख क्विंटल है, लेकिन वहां भी अभी तक पूरा स्टॉक नहीं पहुंच पाया है। इसलिए किसान खाद के लिए भटकर रहे हैं। फतेहाबाद में 1.85 लाख क्विंटल की आवश्यकता है, लेकिन अभी तक मात्र 55,000 क्विंटल ही स्टॉक पहुंचा है। हिसार में तो पिछले 15 दिन से डीएपी की आपूर्ति ही नहीं हुई, जिससे किसानों में भारी नाराजगी है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जब से बीजेपी सत्ता में आई है, वो ना किसानों को एमएसपी दे पाई, ना उचित मुआवजा और ना ही समय पर खाद व बीज। प्रदेश के इतिहास की यह पहली सरकार है, जिसके कार्यकाल में थानों के भीतर खाद बांटनी पड़ी। हर सीज़न में किसानों, उनके परिवारों, महिलाओं व बच्चों तक को लंबी-लंबी कतारों में कई-कई दिन इंतजार करना पड़ता है, तभी समय पर डीएपी व यूरिया नहीं मिल पाता। हुड्डा ने कहा कि सरकार अपनी बदइंजामी व किसानों के प्रति अपनी नीति को सुधारे।