पश्चिम एशिया में तनाव की लपटें अब और तेज हो गई हैं। इजरायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ के तहत ईरान पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। इस सुनियोजित और घातक सैन्य कार्रवाई में इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को भारी नुकसान पहुंचाया है, जिससे पूरे क्षेत्र में भूकंप जैसे झटके महसूस किए गए। ईरान ने खुद भी पुष्टि की है कि नतांज साइट को जबरदस्त नुकसान हुआ है। नंताज साइट के आसपास बनी इमारतें भी तहस-नहस हो गई हैं। इलाके में खड़ी गाडिय़ां भी डैमेज हुई हैं। सडक़ों पर मलबा और गाडिय़ों के टूटे कांच नजर आ रहे हैं।
चेक रिपब्लिक नेतन्याहू के समर्थन में कहा, ठीक किया
चेक रिपब्लिक ने इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए हमलों को जायज ठहराया है। विदेश मंत्री ने कहा कि यह हमला ईरान की परमाणु महत्त्वाकांक्षाओं और इजरायल को समाप्त करने की सोच रखने वाले संगठनों को दिए जा रहे समर्थन का जवाब है। चेक विदेश मंत्रालय ने इसे वाजिब प्रतिक्रिया करार देते हुए कहा कि इजरायल को अपने अस्तित्व की रक्षा करने का पूरा हक है।
हमास बोला, कार्रवाई खतरनाक उकसावा
हमास ने ईरान पर इजरायल के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों की कड़ी निंदा की। उसने चेतावनी दी कि यह कार्रवाई एक खतरनाक उकसावा है, जो पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर सकती है। हमास ने कहा कि ईरान फिलिस्तीन और उसके प्रतिरोध आंदोलन का समर्थन करने की कीमत चुका रहा है। संगठन ने इस हमले को पश्चिम एशिया की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया और कहा कि यह इजराइल की आक्रामक नीति का विस्तार है, जिससे पूरे इलाके में तनाव और टकराव की आशंका बढ़ गई है।
ईरान ने मस्जिद पर फहराया लाल झंडा
इजरायली हमले के बाद ईरान की मस्जिद पर लाल झंडा फहरा दिया गया है। पारंपरिक रूप से इसे इंतकाम यानी बदले का प्रतीक माना जाता है। यह झंडा ईरान की धार्मिक और राजनीतिक व्यवस्था से एक बड़ा संदेश है कि जवाबी कार्रवाई अब तय मानी जा रही है। मस्जिदों पर लाल झंडा फहराना संकेत है कि ईरान अब युद्ध के मोड में है और जल्द इजरायल को करारा जवाब दे सकता है।