हरियाणा के कई जिलों में हालिया बाढ़ और भारी बारिश के कारण तबाही के दृश्य सामने आ रहे हैं। यमुना नदी का जलस्तर कम होने से भले ही कुछ राहत मिली हो, लेकिन जमीन और फसलें अब भी पानी में डूबी हुई हैं। वहीं, दूसरी ओर मारकंडा और घग्गर नदी ने टेंशन बढ़ा दी है।
नदियों का कहर जारी
शाहाबाद में मारकंडा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन टांगरी नदी अब खतरा बनकर सामने आई है। कई गांवों की फसलें इसकी वजह से डूब गई हैं। कैथल, सिरसा और हिसार में घग्गर नदी और ड्रेन ओवरफ्लो होने से हालात गंभीर हैं। सोनीपत, करनाल और यमुनानगर जिलों में भूमि कटाव की समस्या लगातार बढ़ रही है।
यमुनानगर में 11,361 एकड़ फसल तबाह
यमुनानगर में बाढ़ की वजह से 11,361 एकड़ फसल पूरी तरह चौपट हो गई है। वहीं हिसार में राणा माइनर दो जगह से टूट गई, जिससे एयरपोर्ट के पीछे पानी भर गया। विवाद के बाद प्रशासन ने सेट लगाकर पानी की निकासी शुरू की। बता दें मुख्यमंत्री नायब सैनी ने रविवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए।
यमुना का जलस्तर घटा, लेकिन खतरा कायम
करनाल जिले में यमुना नदी का जलस्तर अब घटने लगा है, जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिली है। हालांकि, इंद्री क्षेत्र के नंगली घाट पर हुई बारिश से तेज भूमि कटाव हुआ, जिसमें लाखों रुपये की जमीन और फसल बह गई। घरौंडा क्षेत्र के लालुपुरा गांव में यमुना के अंदर बने सुरक्षात्मक बांध अब दिखाई देने लगे हैं, जो पहले जलस्तर बढ़ने पर पूरी तरह डूब चुके थे। कंट्रोल रूम के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज से दिल्ली की ओर 47,105 क्यूसेक पानी डायवर्ट किया गया है।
शाहाबाद और आसपास खतरे की आशंका
शाहाबाद के इस्माइलाबाद क्षेत्र में नैसी गांव का टूटा तटबंध अब तक दुरुस्त नहीं किया जा सका है, जिससे खेतों में लगातार पानी भर रहा है। जलबेहड़ा साइफन पर बीबीपुर लिंक की दीवार तेज बहाव में टूट गई, जिससे करीब 1,500 एकड़ फसल जलमग्न हो गई है।