विदेश सचिव विक्रम मिस्री आज सोमवार को विदेश मामलों की संसद की स्थायी समिति के समक्ष ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव पर विस्तृत जानकारी देंगे। संसदीय समिति का नेतृत्व कांग्रेस सांसद शशि थरूर करेंगे। यह समिति भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद कूटनीतिक, सैन्य और क्षेत्रीय प्रभावों पर ध्यान केंद्रित करेगी।
यह बैठक पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद सीमा पार बढ़े तनाव के मद्देनजर हो रही है, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी। आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने सीमा पार आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर चलाया। भारत की जवाबी कार्रवाई के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच कई दिनों तक तनाव का माहौल रहा। 10 मई को दोनों पक्षों के बीच सीजफायर की घोषणा हुई।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री की ओर से पैनल को विभिन्न मुद्दों पर जानकारी देने की उम्मीद है, जिनमें इस्लामाबाद के साथ राजनयिक संबंधों की वर्तमान स्थिति, सीमा पार सुरक्षा चुनौतियां और क्षेत्रीय स्थिरता पर व्यापक प्रभाव शामिल हैं।
मिस्री ने इससे पहले सदस्यों को विदेश नीति के प्रमुख मुद्दों पर जानकारी दी है, जिसमें बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों के साथ भारत के उभरते संबंध और कनाडा जैसे देशों के साथ उसके राजनयिक संबंधों में हाल की प्रगति शामिल है।
भारत-पाकिस्तान संबंधों की नाजुक स्थिति तथा सैन्य तत्परता और कूटनीतिक सावधानी बनाए रखने के रणनीतिक महत्व को देखते हुए यह ब्रीफिंग और भी महत्वपूर्ण है।
बता दें कि भारत-पाक के सीजफायर के बाद विपक्षी दल केंद्र सरकार से सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर चुके हैं। हालांकि, सीजफायर के बाद पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया था। जिसमें पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि भारतीय सेना के पराक्रम के सामने पाकिस्तानी सेना ने घुटने टेकते हुए सीजफायर की मांग के लिए पहल की थी।